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ओवैसी के खिलाफ CJI को लिखा पत्र, 'नफरत भरे भाषण' पर संज्ञान लेने की अपील - असदुद्दीन ओवैसी

अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के खिलाफ भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (NV Ramana) को पत्र लिखा गया है. ओवैसी पर नफरत भरे भाषण देने और 'हिंदुओं के नरसंहार' का आह्वान करने का आरोप लगाया गया है.

Asaduddin Owaisi
असदुद्दीन ओवैसी
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Published : Dec 28, 2021, 10:02 PM IST

नई दिल्ली : अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अधिवक्ता आशुतोष जे दुबे ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा है. पत्र याचिका में ओवैसी पर नफरत भरे भाषण देने का आरोप लगाया गया है.
आशुतोष जे दुबे (Ashutosh J Dubey) का कहना है कि उनका भाषण न केवल घृणास्पद नहीं हैं, बल्कि 'एक पूरे हिंदू समुदाय की हत्या के लिए एक खुला आह्वान है.' इस प्रकार उक्त भाषण न केवल एकता के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि हमारे देश की अखंडता के साथ-साथ लाखों हिंदू नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डालता है.'

अधिवक्ता ने भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 1208, 121ए, 153ए,153बी,295ए और 298 के तहत स्वत: संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का अपील की है. उन्होंने 12 दिसंबर 2012 के उस भाषण का भी जिक्र किया, जिसमें ओवैसी ने कथित तौर पर नाजिमाबाद में सार्वजनिक रैली में एक हिंदू देवी के बारे में हाथों के इशारों से अपमानजनक टिप्पणी की थी. उनका कहना है कि उस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी इसलिए इस भाषण मामले में तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

ओवैसी ने ये दिया था बयान

ओवैसी ने हाल ही में यूपी में कहा था कि 'मैं पुलिस को बताना चाहता हूं. यह याद रखना, योगी हमेशा के लिए मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, मोदी हमेशा के लिए प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. हम मुसलमान समय के कारण चुप हैं लेकिन याद रखें हम आपके अन्याय को याद रखेंगे. अल्लाह अपनी ताकत से तुम्हें तबाह कर देगा, इंशाअल्लाह. हम याद रखेंगे. समय बदलेगा फिर तुम्हें बचाने कौन आएगा? जब योगी वापस अपने मठ में जाएंगे, जब मोदी पहाड़ों पर जाएंगे, तो आपको बचाने कौन आएगा. याद रखें हम नहीं भूलेंगे.'

पढ़ें- ओवैसी ने कहा- अच्छा लगा, पीएम मोदी ने मेरी बात सुनी

नई दिल्ली : अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ अधिवक्ता आशुतोष जे दुबे ने मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा है. पत्र याचिका में ओवैसी पर नफरत भरे भाषण देने का आरोप लगाया गया है.
आशुतोष जे दुबे (Ashutosh J Dubey) का कहना है कि उनका भाषण न केवल घृणास्पद नहीं हैं, बल्कि 'एक पूरे हिंदू समुदाय की हत्या के लिए एक खुला आह्वान है.' इस प्रकार उक्त भाषण न केवल एकता के लिए गंभीर खतरा हैं, बल्कि हमारे देश की अखंडता के साथ-साथ लाखों हिंदू नागरिकों के जीवन को भी खतरे में डालता है.'

अधिवक्ता ने भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 1208, 121ए, 153ए,153बी,295ए और 298 के तहत स्वत: संज्ञान लेने और कार्रवाई करने का अपील की है. उन्होंने 12 दिसंबर 2012 के उस भाषण का भी जिक्र किया, जिसमें ओवैसी ने कथित तौर पर नाजिमाबाद में सार्वजनिक रैली में एक हिंदू देवी के बारे में हाथों के इशारों से अपमानजनक टिप्पणी की थी. उनका कहना है कि उस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी इसलिए इस भाषण मामले में तत्काल न्यायिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

ओवैसी ने ये दिया था बयान

ओवैसी ने हाल ही में यूपी में कहा था कि 'मैं पुलिस को बताना चाहता हूं. यह याद रखना, योगी हमेशा के लिए मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, मोदी हमेशा के लिए प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. हम मुसलमान समय के कारण चुप हैं लेकिन याद रखें हम आपके अन्याय को याद रखेंगे. अल्लाह अपनी ताकत से तुम्हें तबाह कर देगा, इंशाअल्लाह. हम याद रखेंगे. समय बदलेगा फिर तुम्हें बचाने कौन आएगा? जब योगी वापस अपने मठ में जाएंगे, जब मोदी पहाड़ों पर जाएंगे, तो आपको बचाने कौन आएगा. याद रखें हम नहीं भूलेंगे.'

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