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ट्विटर पर भड़काऊ पोस्ट मामले में सीबीआई या एनआईए को जांच के निर्देश देने की मांग

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर भड़काऊ पोस्ट फैलाने में शामिल ट्विटर यूजर्स के खिलाफ जांच करने का निर्देश देने की मांग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 5, 2021, 6:12 PM IST

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका (petition) दायर कर तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) की घटना के बाद मुस्लिम समुदाय (Muslim community) को निशाना बनाकर भड़काऊ पोस्ट फैलाने में शामिल ट्विटर यूजर्स के खिलाफ जांच करने का सीबीआई (CBI) या एनआईए (NIA) को निर्देश देने की मांग की गई है.

यह याचिका खाजा एजाजुद्दीन द्वारा दायर की गई है. जिन्होंने तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) से इस्लामोफोबिक पोस्ट या किसी विशेष समुदाय को लक्षित करने वाली किसी भी पोस्ट को रोकने के लिए ऑनलाइन सोशल मीडिया नेटवर्क काे निर्देश देने की मांग की थी. इससे इनकार करने के बाद उन्हाेंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

मामले में याचिकाकर्ता का तर्क है कि किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेशों से संबंधित आईटी अधिनियम, 2000 के तहत दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत भरे संदेश डाले जा रहे हैं.

इसे भी पढ़ें : मानो या भुगतो : सरकार ने ट्विटर को भेजा फाइनल नोटिस

बता दें कि याचिकाकर्ता ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform) पर इस्लामोफोबिक पोस्ट सहित किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेशों के लिए आईटी अधिनियम, 2000 के तहत केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश देने के लिए प्रार्थना की है.

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में एक याचिका (petition) दायर कर तब्लीगी जमात (Tablighi Jamaat) की घटना के बाद मुस्लिम समुदाय (Muslim community) को निशाना बनाकर भड़काऊ पोस्ट फैलाने में शामिल ट्विटर यूजर्स के खिलाफ जांच करने का सीबीआई (CBI) या एनआईए (NIA) को निर्देश देने की मांग की गई है.

यह याचिका खाजा एजाजुद्दीन द्वारा दायर की गई है. जिन्होंने तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) से इस्लामोफोबिक पोस्ट या किसी विशेष समुदाय को लक्षित करने वाली किसी भी पोस्ट को रोकने के लिए ऑनलाइन सोशल मीडिया नेटवर्क काे निर्देश देने की मांग की थी. इससे इनकार करने के बाद उन्हाेंने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

मामले में याचिकाकर्ता का तर्क है कि किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेशों से संबंधित आईटी अधिनियम, 2000 के तहत दिशानिर्देशों की अनुपस्थिति के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नफरत भरे संदेश डाले जा रहे हैं.

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बता दें कि याचिकाकर्ता ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (social media platform) पर इस्लामोफोबिक पोस्ट सहित किसी भी धार्मिक समुदाय के खिलाफ नफरत भरे संदेशों के लिए आईटी अधिनियम, 2000 के तहत केंद्र सरकार को दिशा-निर्देश देने के लिए प्रार्थना की है.

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