पटना : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ पटना सिविल कोर्ट में दायर परिवाद पत्र पर जल्द सुनवाई करने की गुहार परिवादी ने पटना हाई कोर्ट से लगाई है. परिवादी के अनुसार सिविल कोर्ट में याचिका दायर किये जाने के बाद 12 मई 2021 तक तारीख दी गई. उसके बाद इस केस में कोई तारीख नहीं मिल रही है. इस पर कोर्ट ने दायर परिवाद में त्रुटियों को दो सप्ताह के अंदर दूर करने का आदेश दिया है. यह आपराधिक रिट याचिका कांग्रेस कमेटी के मानवाधिकार विभाग के प्रदेश अध्यक्ष अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद की ओर से दायर की गई है. इसी पर जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा ने सुनवाई की.
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लाॅक डाउन लागू करने पर दायर की थी याचिका : कोर्ट ने दायर याचिका में हाई कोर्ट प्रशासन की ओर से उठाई गई आपत्तियों को दो सप्ताह के भीतर दूर करने का आदेश दिया. अधिवक्ता इंद्रदेव प्रसाद ने अर्जी दायर कर कोर्ट से केस को जल्द निष्पादित करने के लिए पटना सिविल कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी को आदेश देने की मांग. इंद्रदेव प्रसाद का कहना है कि बगैर किसी तैयारी और बिना किसी तरह के पूर्व सूचना दिये, 24 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री ने देश को सम्बोधित करते हुए पूरे देश में 21 दिनों का लॉक डाउन लगाने की घोषणा कर दी थी.
याचिका में पीएम के संबोधन को आतंकित करने वाला बताया : इंद्रदेव प्रसाद के अनुसार प्रधानमंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी कहा कि दो माह के अध्ययन के बाद प्रभावी मुकाबले में एक मात्र विकल्प सोशल डिस्टेंसिंग, एक दूसरे से दूरी बना कर रखना, अपने घरों में बंद रहना लागू कर दिया. उनका कहना है कि पीएम का सम्बोधन देश वासियों को आतंकित करने वाला और झूठी सूचनाओं पर आधारित है. एक वर्ष के अध्ययन के बाद भी कोरोना का संक्रमण उस तरह से नहीं फैला. जिस तरह से फैलने की बात सम्बोधन में कही गई थी.