वाराणसी : भिखारियों को उद्यमी बनाने वाले बेगर्स कॉरपोरेशन ने मार्च 2027 तक वाराणसी को तीन वर्षों में भारत का पहला भिखारी मुक्त शहर बनाने के लिए 100 दिनों का नागरिक जागरूकता अभियान शुरू किया है. यह लोगों से अपील करता है कि भिखारियों को दान न दें, बल्कि उन्हें गरिमा के साथ काम करने और कमाने के लिए कॉरपोरेशन को भेज दें. इसे लेकर आज बेगर्स कॉरपोरेशन की तरफ से महत्वपूर्ण जानकारी दी गई. कॉरपोरेशन के संस्थापक चंद्र मिश्रा ने बताया कि 'भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं और उनको काम पर लाने वाले नागरिकों को कॉरपोरेशन नगर पुरस्कार देगा, कोई भी व्यक्ति जो शहर को भिखारी मुक्त बनाने में सहयोग करेगा और भिखारी को लेकर आने पर एक हजार रुपये का इनाम भी दिया जाएगा.'
रोजगार से जोड़ने का मेगा प्लान तैयार : इस मामले में बेगर्स कॉरपोरेशन के संस्थापक चंद्र मिश्रा ने बताया कि 'एक सर्वेक्षण के मुताबिक, करीब बनारस में छह हजार भिखारी हैं, इनमें 1400 बच्चे हैं, जबकि परिवार या बच्चों के साथ रहने वाले 18 से 40 वर्ष तक के शारीरिक रूप से सक्षम भिखारी भी यहां पर हैं. इन सभी को तीन महीने का प्रशिक्षण देकर कॉटन के बैग और अन्य चीज तैयार करवाने के अलावा पूजा सामग्री और फूलों की दुकान शुरू करवाने का अभियान एक साल में शुरू किया जाएगा. उन्होंने बताया कि अप्रैल 2024 में 50 भिखारी परिवारों से इसकी शुरुआत करने के बाद 2027 तक 6 चरणों में एक हजार भिखारी परिवारों को रोजगार से जोड़ने का पूरा मेगा प्लान तैयार किया गया है. बेगर्स कॉरपोरेशन ने वर्तमान में 17 परिवारों को भिक्षावृत्ति के जाल से बाहर निकाला है, जो विभिन्न व्यवसाय में लगकर सम्मान के साथ कमाई कर रहे हैं. इनमें से उद्यमिता प्रशिक्षण के दौरान प्रति माह 12 हजार रुपये तक यह काम भी रहे हैं.'
भिखारी को मिलेगी हिस्सेदारी : बेगर्स कॉरपोरेशन के संस्थापक चंद्र मिश्रा ने बताया कि 'बेगर्स कॉरपोरेशन पहली ऐसी कंपनी है जिसमें भिखारी को हिस्सेदारी मिलेगी. कॉरपोरेशन भिखारियों को हर महीने 10 हजार और तीन साल के बाद 1 लाख की न्यूनतम आजीविका सहायता देने के लिए उनके साथ तीन साल का अनुबंध करने जा रहा है. भिखारियों को हिस्सेदारी मिलने से तीन साल में न्यूनतम 4.6 लाख रुपए मिलेगा. उन्होंने बताया कि कॉरपोरेशन ने लोगों से अपील की है की भीख देने की जगह भिखारी को संस्था तक लेकर आएं. भिखारी को लेकर आने वालों को एक हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया जाएगा. इसके साथ ही कॉरपोरेशन ने सरकार और प्रशासन से सर्वेक्षण करने के बाद असली भिखारी की पहचान करके उन्हें पहचान पत्र जारी करने का भी अनुरोध किया है. कॉरपोरेशन ने दो ऐसे लोगों से भी बात करवाई है जो कभी भीख मांगते थे और अब कॉरपोरेशन से जोड़ने के बाद न सिर्फ सम्मान से जीवन जी रहे हैं बल्कि अपने परिवार का मजबूत सहारा भी बन रहे हैं. चंद्र मिश्रा ने बताया कि इस काम के लिए कोई भी व्यक्ति मोबाइल नंबर 9336109052 पर संपर्क कर सकता है.'