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ज्ञानवापी विवादः वादी महिलाएं बोलीं- अंदर जो भी जाएगा वह समझ जाएगा कि वास्तविकता क्या है?

श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में वादी महिलाओं ने ETV BHARAT से बातचीत करते हुए कमीशन की कार्यवाही की हकीकत बयां की. पेश है बातचीत के प्रमुख अंश-

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ज्ञानवापी विवाद
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Published : May 19, 2022, 7:31 PM IST

वाराणसीः श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर कल तक के लिए लगाई रोक के बाद अब 23 मई को सभी मामलों की सुनवाई होगी. इसमें पूर्व वकील कमिश्नर अजय मिश्रा और वर्तमान विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से दायर की गई कमीशन की रिपोर्ट पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा. इस पर कोर्ट ने आपत्ति आमंत्रित की है. वहीं, शासकीय अधिवक्ता की तरफ से दायर की गई याचिका के अलावा वादी पक्ष की तरफ से मस्जिद में नीचे तहखाने की दीवार तोड़ने और मलबे हटाकर सदन की कार्रवाई करवाने की याचिका समेत बृहस्पतिवार को विपक्ष की तरफ से हिंदू पक्ष की याचिका पर आपत्ति दाखिल की गई है. इन सभी मामलों की सुनवाई भी 23 मई को होगी.

इससे पहले ही ईटीवी भारत से वादी महिलाओं ने मस्जिद के अंदर हुई वीडियो कमीशन की कार्यवाही की हकीकत बयां की. सीता साहू ने कहा कि हम क्या कोई भी व्यक्ति जो उस मस्जिद में जाएगा, उसको सनातन धर्म के तमाम निशान स्पष्ट तौर पर मिल जाएंगे. अंदर मौजूद स्वास्तिक का चिह्न, कलावा, कलश से लेकर उस पर यात्रियों के निशान सब कुछ वहां मौजूद खंभों पर साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं.

ज्ञानवापी विवाद पर जानकारी देतीं वादी महिलाएं.

इसे भी पढ़ें-ज्ञानवापी केस: रिपोर्ट में मस्जिद की दीवार पर शेषनाग, देवी-देवताओं की कलाकृति का जिक्र


वहीं, मंजू व्यास ने कहा कि तहखाने से लेकर मस्जिद में नमाज अदा करने वाली जगह और अन्य पश्चिमी उत्तरी हिस्से पर मौजूद तमाम निशान मंदिर के होने का सबूत दे रहे हैं. यह इतने सुंदर और बनाए गए निशान हैं, जो अपने आप में सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं. इसी तरह रेखा पाठक ने कहा कि अजय मिश्रा द्वारा दायर की गई रिपोर्ट में जो भी बातें कही गई हैं, वह बिल्कुल सही है. श्रृंगार गौरी का जो मंदिर बताया जाता है, सच में वह श्रृंगार गौरी का मुख्य द्वार है. मंदिर तो मस्जिद के अंदर मौजूद है, जिसके प्रमाण भी इस रिपोर्ट में दिए गए हैं.

वाराणसीः श्रृंगार गौरी ज्ञानवापी प्रकरण में बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में लोअर कोर्ट की कार्यवाही पर कल तक के लिए लगाई रोक के बाद अब 23 मई को सभी मामलों की सुनवाई होगी. इसमें पूर्व वकील कमिश्नर अजय मिश्रा और वर्तमान विशेष वकील कमिश्नर विशाल सिंह की तरफ से दायर की गई कमीशन की रिपोर्ट पर भी कोर्ट सुनवाई करेगा. इस पर कोर्ट ने आपत्ति आमंत्रित की है. वहीं, शासकीय अधिवक्ता की तरफ से दायर की गई याचिका के अलावा वादी पक्ष की तरफ से मस्जिद में नीचे तहखाने की दीवार तोड़ने और मलबे हटाकर सदन की कार्रवाई करवाने की याचिका समेत बृहस्पतिवार को विपक्ष की तरफ से हिंदू पक्ष की याचिका पर आपत्ति दाखिल की गई है. इन सभी मामलों की सुनवाई भी 23 मई को होगी.

इससे पहले ही ईटीवी भारत से वादी महिलाओं ने मस्जिद के अंदर हुई वीडियो कमीशन की कार्यवाही की हकीकत बयां की. सीता साहू ने कहा कि हम क्या कोई भी व्यक्ति जो उस मस्जिद में जाएगा, उसको सनातन धर्म के तमाम निशान स्पष्ट तौर पर मिल जाएंगे. अंदर मौजूद स्वास्तिक का चिह्न, कलावा, कलश से लेकर उस पर यात्रियों के निशान सब कुछ वहां मौजूद खंभों पर साफ तौर पर दिखाई दे रहे हैं.

ज्ञानवापी विवाद पर जानकारी देतीं वादी महिलाएं.

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वहीं, मंजू व्यास ने कहा कि तहखाने से लेकर मस्जिद में नमाज अदा करने वाली जगह और अन्य पश्चिमी उत्तरी हिस्से पर मौजूद तमाम निशान मंदिर के होने का सबूत दे रहे हैं. यह इतने सुंदर और बनाए गए निशान हैं, जो अपने आप में सारी सच्चाई बयां कर रहे हैं. इसी तरह रेखा पाठक ने कहा कि अजय मिश्रा द्वारा दायर की गई रिपोर्ट में जो भी बातें कही गई हैं, वह बिल्कुल सही है. श्रृंगार गौरी का जो मंदिर बताया जाता है, सच में वह श्रृंगार गौरी का मुख्य द्वार है. मंदिर तो मस्जिद के अंदर मौजूद है, जिसके प्रमाण भी इस रिपोर्ट में दिए गए हैं.

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