रुद्रप्रयाग/उत्तरकाशी (उत्तराखंड): रुद्रप्रयाग जिले में बारिश की वजह से जगह-जगह पहाड़ियां दरक रही हैं. इसी कड़ी में उत्तरकाशी-घनसाली-केदारनाथ राज्य मार्ग पर तिलवाड़ा के पास भारी भूस्खलन हो गया. जिसके कारण यात्रियों से भरा एक टेंपो ट्रैवलर वाहन मलबे में फंस गया. जिससे यात्रियों में चीख पुकार मच गई. वाहन में सवार यात्रियों ने किसी तरह से भागकर अपनी जान बचाई. जबकि, अन्य यात्री और वाहन भी यहां घंटों तक फंसे रहे. उधर, उत्तरकाशी में भटवाड़ी से साढ़े 6 बजे के बाद ऊपर वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा.
बता दें कि पहाड़ों में आफत की बारिश जारी है. बुधवार दोपहर तक जिले में मौसम साफ रहा, लेकिन दोपहर बाद तेज बारिश होने से पहाड़ी दरकने, यात्रियों के फंसे होने की सूचनाएं सामने आने लगी. घनसाली-केदारनाथ राज्य मार्ग पर भी एक यात्री वाहन गंगोत्री से केदारनाथ की ओर जा रहा था. इसी दौरान अचानक तिलवाड़ा के पास पहाड़ी से अचानक मलबा आ गया और वाहन मलबे में दब गया. जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और भागकर अपनी जान बचाई.
बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में भूस्खलन जारीः वहीं, दूसरी ओर बदरीनाथ हाईवे पर सिरोबगड़ में भूस्खलन का सिलसिला जारी है. यहां लगातार पहाड़ी से मलबा गिर रहा है. बुधवार शाम को भी हाईवे पर भूस्खलन हो गया. हाईवे बंद होने के बाद तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग हाईवे के वैकल्पिक छांतीखाल मोटर मार्ग से आवाजाही करने लगे, लेकिन यह मोटरमार्ग बेहद संकरा होने से यहां घंटों तक जाम लग गया. स्थानीय लोग और यात्री घंटों तक जाम में फंसे रहे. वर्तमान समय में रुद्रप्रयाग जिले में 20 से ज्यादा मोटर मार्ग बंद चल रहे हैं.
रुद्रप्रयाग के मंडी कस्बे में घुसा जवाड़ी बाईपास हाईवे का मलबाः रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से सटे माई की मंडी के ठीक ऊपर बनी बाईपास रोड़ का मलबा बस्ती में आ रहा है. जिससे बस्ती को खतरा बना हुआ है. इतना ही नहीं आवासीय भवनों में भी पानी घुस गया है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है. मलबा सहकारी समिति भवन में भी घुस गया, जिससे आवासीय भवनों के साथ ही सहकारी भवन को खतरा बना हुआ है.
गंगोत्री हाईवे बोल्डर और मलबा आने से बंदः गंगोत्री हाईवे मलबा और बोल्डर आने के कारण हेलगुगाड़ में बंद हो गया है. हाईवे की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने यातायात भटवाड़ी और गंगनानी में रोक दिया है. जबकि, जिला मुख्यालय में भी कांवड़ियों को रोका जा रहा है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि हेलगुगाड़ में लगातार बोल्डर गिर रहे हैं. जिससे वहां पर हाईवे खोलने में परेशानी हो रही है. बारिश के दौरान गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे के बंद और खुलने का सिलसिला जारी है.
दोपहर में मलबा आने के कारण बंदरकोट भी करीब 25 मिनट तक बंद रहा था. जिसे बीआरओ ने आवाजाही के लिए खोल दिया था. वहीं, यमुनोत्री हाईवे कल्याणी और झर्झरगाड़ के पास बंद रहा. जिसे एनएच विभाग ने आवाजाही के लिए खुलवा दिया था. हालांकि, इन स्थानों पर अभी भी आवाजाही में खतरा बना हुआ है. वहीं, गंगोत्री हाईवे पर धराली में उफान पर आई खीर गंगा में बीआरओ की जेसीबी ने नदी से मलबा हटाकर जलस्तर को काबू करने का प्रयास किया. हालांकि, उसके बाद भी नदी का पानी गंगोत्री हाईवे पर बह रहा है, लेकिन वहां पर आवाजाही सुचारू है.
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उत्तरकाशी में भटवाड़ी से आगे वाहनों के जाने पर रोकः बीते 10 जून की रात गंगनानी हादसे में घायल यात्रियों को बुधवार सुबह जिला अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. इन सभी यात्रियों को प्रशासन ने वाहन की व्यवस्था कर ऋषिकेश और हरिद्वार भेजा है. वहीं, सभी शवों को मंगलवार शाम ही रवाना कर दिया गया था. हादसे के बाद जागे पुलिस प्रशासन ने चारधाम यात्रा के लिए गंगोत्री हाईवे पर ट्रैफिक प्लान में परिवर्तन किया है.
वहीं, जिला और पुलिस प्रशासन ने गंगोत्री हाईवे पर बारिश के अलर्ट को देखते हुए उजाले में ही सभी वाहनों को गंगोत्री व भटवाड़ी से भेजने की योजना बनाई है. जिसमें शाम 5 बजे के बाद गंगोत्री से किसी को भी नीचे नहीं आने दिया जाएगा. वहीं, भटवाड़ी से साढ़े 6 बजे के बाद ऊपर नहीं जाने दिया जाएगा. इसी तरह हर्षिल से उत्तरकाशी आने वाले वालों को 6 बजे तक ही भेजा जाएगा. जबकि, भटवाड़ी से उत्तरकाशी आने वाले वाहनों को शाम 7 बजे तक ही जाने की अनुमति होगी.
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उत्तरकाशी हादसे में 4 यात्रियों की गई थी जानः बीते सोमवार को गंगनानी के पास पहाड़ी से मलबा और बोल्डर आने के कारण यात्रियों से भरे 3 वाहन दब गए थे. जिसमें हरियाणा समेत मध्य प्रदेश के चार यात्रियों की मौत हो गई थी. वहीं, 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. जबकि, अन्य 17 लोग सामान्य घायल हुए थे. पुलिस ने सभी शवों को मंगलवार को मलबे से बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सुपुर्द कर दिए गए. इसके साथ ही मंगलवार को गंभीर चार घायलों को हेली सेवा और एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजा गया.