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कोरोना पर अमिताभ की आवाज वाली कॉलर ट्यून बंद करने मांग, दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर - अमिताभ बच्चन की आवाज

दिल्ली हाईकोर्ट में मोबाइल फोन के कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना को लेकर जागरुकता संदेश को हटाए जाने केलिए एक याचिका दायर की गई, जिसपर कोर्ट 18 जनवरी को सुनवाई करेगा.

दिल्ली हाई कोर्ट
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Published : Jan 7, 2021, 9:58 PM IST

नई दिल्ली : मोबाइल फोन के कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना को लेकर जागरुकता संदेश को हटाया जाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर 18 जनवरी को सुनवाई करेगा.

असली कोरोना वारियर्स का ध्यान नहीं रखा गया

याचिका सामाजिक कार्यकर्ता राकेश ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील एके दुबे और पवन कुमार ने इस कॉलर ट्यून के लिए अमिताभ बच्चन की आवाज को चुनने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि कॉलर ट्यून के लिए चयन करते समय उन असली कोरोना वारियर्स का ध्यान नहीं रखा गया, जो आज संकट की घड़ी में अपनी जान की परवाह किए बिना काम कर रहे हैं.

अमिताभ बच्चन का इतिहास साफ-सुथरा नहीं है

याचिका में कहा गया है कि कई सारे कोरोना वारियर्स ने गरीबों और जरुरतमंद लोगों को मदद करने के लिए अपनी पूरे जीवन की कमाई लगा दिया. वे देश को अमूल्य सेवा दे रहे हैं. ये कोरोना वारियर्स गरीबों और आश्रयहीन लोगों को भोजन, कपड़े इत्यादि मुहैया करा रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि अमिताभ बच्चन का इतिहास साफ-सुथरा नहीं रहा है और उन्होंने कई नियमों का उल्लंघन किया है. अमिताभ बच्चन किसी सामाजिक कार्यकर्ता की तरह देश की सेवा भी नहीं कर रहे हैं.

पढ़ें - बॉम्बे हाई कोर्ट ने देवी-देवताओं के नाम पर विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाया

केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दे चुका है याचिकाकर्ता

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने इस बाबत केंद्र सरकार को 24 नवंबर 2020 को प्रतिवेदन भी दिया था, लेकिन इसका न तो कोई उत्तर दिया गया और न ही समाधान किया गया. याचिका में कहा गया है कि कॉलर ट्यून के लिए अपनी आवाज देने के लिए अमिताभ बच्चन ने पैसे लिए हैं, ऐसे में उनका यह काम समाज सेवा नहीं कहा जा सकता है.

नई दिल्ली : मोबाइल फोन के कॉलर ट्यून में अमिताभ बच्चन की आवाज में कोरोना को लेकर जागरुकता संदेश को हटाया जाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर 18 जनवरी को सुनवाई करेगा.

असली कोरोना वारियर्स का ध्यान नहीं रखा गया

याचिका सामाजिक कार्यकर्ता राकेश ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील एके दुबे और पवन कुमार ने इस कॉलर ट्यून के लिए अमिताभ बच्चन की आवाज को चुनने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि कॉलर ट्यून के लिए चयन करते समय उन असली कोरोना वारियर्स का ध्यान नहीं रखा गया, जो आज संकट की घड़ी में अपनी जान की परवाह किए बिना काम कर रहे हैं.

अमिताभ बच्चन का इतिहास साफ-सुथरा नहीं है

याचिका में कहा गया है कि कई सारे कोरोना वारियर्स ने गरीबों और जरुरतमंद लोगों को मदद करने के लिए अपनी पूरे जीवन की कमाई लगा दिया. वे देश को अमूल्य सेवा दे रहे हैं. ये कोरोना वारियर्स गरीबों और आश्रयहीन लोगों को भोजन, कपड़े इत्यादि मुहैया करा रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि अमिताभ बच्चन का इतिहास साफ-सुथरा नहीं रहा है और उन्होंने कई नियमों का उल्लंघन किया है. अमिताभ बच्चन किसी सामाजिक कार्यकर्ता की तरह देश की सेवा भी नहीं कर रहे हैं.

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केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दे चुका है याचिकाकर्ता

याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने इस बाबत केंद्र सरकार को 24 नवंबर 2020 को प्रतिवेदन भी दिया था, लेकिन इसका न तो कोई उत्तर दिया गया और न ही समाधान किया गया. याचिका में कहा गया है कि कॉलर ट्यून के लिए अपनी आवाज देने के लिए अमिताभ बच्चन ने पैसे लिए हैं, ऐसे में उनका यह काम समाज सेवा नहीं कहा जा सकता है.

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