नई दिल्ली : भारत-चीन एलएसी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह की बीते दिनों आई टिप्पणी मामले में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में उन पर 'शपथ के उल्लंघन' का आरोप लगाया गया है.
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखरन रामास्वामी की ओर से दाखिल याचिका में वीके सिंह के कई बयानों का जिक्र किया गया है. याचिकाकर्ता की ओर के कहा गया कि '2013 में सिंह ने कहा था कि भारतीय सेना नेताओं के शांति प्रयासों का खामियाजा भुगत रही है.'
इसी तरह 2015 में हरियाणा के दो दलित बच्चों की मौत मामले में टिप्पणी और अब 7 फरवरी को एलएसी को लेकर आए उनके हालिया बयान का जिक्र किया है.
सिंह ने कथित तौर पर दावा किया था कि 'अगर चीन ने एलएसी पर 10 बार अतिक्रमण किया है तो भारत ने ऐसा करीब 50 बार किया होगा.' हालांकि सिंह ने बाद में सफाई दी थी कि 'मैं एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) और सीमाओं के बारे में अधिक जागरूक हूं, चीन के बहकावे में न आएं.'
याचिकाकर्ता का आरोप है कि सिंह के बयानों से चीन को अपना दावा पुख्ता करने का मौका मिल गया जिसमें वह बराबर कहता रहा है कि उसने नहीं बल्कि भारत ने उसकी जमीन पर कब्जा किया है.
पढ़ें- एलएसी और सीमाओं को लेकर जागरूक हूं, चीन के बहकावे में न आएं : वीके सिंह
याचिकाकर्ता ने कहा कि 'केंद्रीय मंत्री ने जो शपथ ली थी उनके हालिया बयान उसका उल्लंघन हैं, ऐसे में उनको कोर्ट दिशा निर्देश दे.' याचिका वकील नरेंद्र कुमार वर्मा के माध्यम से दायर की गई है.