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मोरबी पुल हादसे को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर - अधिवक्ता भौमिक शाह

मोरबी में पुल गिरने को लेकर गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें जिम्मेदारों के प्रति कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है.

Gujarat High Court
गुजरात हाई कोर्ट
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Published : Nov 2, 2022, 3:09 PM IST

Updated : Nov 2, 2022, 4:16 PM IST

अहमदाबाद : मोरबी में पुल गिरने को लेकर गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस संबंध में अधिवक्ता भौमिक शाह ने याचिका दायर का मोरबी नगरपालिका और ओरेवा कंपनी के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया है. बता दें कि मोरबी हैंगिग ब्रिज के गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी.

वडोदरा के अधिवक्ता भौमिक शाह (Advocate Bhowmik Shah) ने कहा है कि जिम्मेदार के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है. वहीं इस घटना में ठेकेदार और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. ओरेवा कंपनी के मालिक जसुभाई पटेल या नगर निगम के किसी अधिकारी के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है, इसलिए उन्होंने याचिका दायर की है. उन्होंने मुख्य अधिकारी, मुख्य ठेकेदार और सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन किया है. इस पूरे मामले में अधिवक्ता भौमिक शाह ने कहा कि पर्यटन पर भी सवाल उठाया जा सकता है, क्योंकि मोरबी में हैंगिंग ब्रिज के ठेकेदार द्वारा की गई गलतियों की वजह से लोगों की जान चली गई. हालांकि मोरबी ब्रिज गिरने के बाद जांच के लिए एफएसआई और एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन पुल गिरने के जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अधिवक्ता ने कहा कि हमने गुजरात हाई कोर्ट से संवैधानिक अधिकार के साथ स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. साथ ही भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए रजिस्ट्रार से यह जनहित याचिका दायर करने का भी अनुरोध किया गया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने भी एक जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि इस घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई जाए.

ये भी पढ़ें - मोरबी हादसा : बार एसोसिएशन का नौ आरोपियों का केस लड़ने से इनकार

अहमदाबाद : मोरबी में पुल गिरने को लेकर गुजरात हाई कोर्ट (Gujarat High Court) में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस संबंध में अधिवक्ता भौमिक शाह ने याचिका दायर का मोरबी नगरपालिका और ओरेवा कंपनी के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अनुरोध किया है. बता दें कि मोरबी हैंगिग ब्रिज के गिरने से 135 लोगों की मौत हो गई थी.

वडोदरा के अधिवक्ता भौमिक शाह (Advocate Bhowmik Shah) ने कहा है कि जिम्मेदार के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है. वहीं इस घटना में ठेकेदार और सुरक्षा गार्ड के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. ओरेवा कंपनी के मालिक जसुभाई पटेल या नगर निगम के किसी अधिकारी के खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है, इसलिए उन्होंने याचिका दायर की है. उन्होंने मुख्य अधिकारी, मुख्य ठेकेदार और सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन किया है. इस पूरे मामले में अधिवक्ता भौमिक शाह ने कहा कि पर्यटन पर भी सवाल उठाया जा सकता है, क्योंकि मोरबी में हैंगिंग ब्रिज के ठेकेदार द्वारा की गई गलतियों की वजह से लोगों की जान चली गई. हालांकि मोरबी ब्रिज गिरने के बाद जांच के लिए एफएसआई और एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन पुल गिरने के जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

अधिवक्ता ने कहा कि हमने गुजरात हाई कोर्ट से संवैधानिक अधिकार के साथ स्वत: संज्ञान लेने का अनुरोध किया है. साथ ही भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए रजिस्ट्रार से यह जनहित याचिका दायर करने का भी अनुरोध किया गया है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने भी एक जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि इस घटना की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई जाए.

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Last Updated : Nov 2, 2022, 4:16 PM IST
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