पुरी : ओडिशा के पुरी श्रीमंदिर (Puri ShriMandir) में अस्वस्थ भगवान श्रीजगन्नाथ (ShriJagannath), बलभद्र (Balabhadra) और देवी सुभद्रा (Subhadra) का इलाज चल रहा है. तीनों देवी-देवताओं के लिए सेवायतों ने फुलुरी तेल (एक प्रकार का जड़ी-बूटी का तेल) आज उनके श्रीअंग (भगवान के शरीर) में लगाया है.
बता दें कि स्नान पूर्णिमा (Snana Purnima) में 108 कलश जल से महास्नान के बाद तीनों देवी-देवता अस्वस्थ हो जाते हैं. जिसके बाद उनका इलाज चलता है और उनकी दवा के तौर पर विशेष जड़ी-बूटी का तेल तैयार किया जाता है.
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अणसर (14 दिनों के इलाज की अवधि) के दौरान तीनों भगवान का इलाज चलता है जिसे गुप्त सेवा कहा जाता है. भगवान के इलाज में विश्वबसु और विद्यापति (प्रमुख सेवक) भगवान श्रीजगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा के शरीर पर फुलुरी तेल (Phuluri Oil) लगाते हैं.
ये फुलुरी तेल ओडिया मठ (Odia Math) की ओर से बनाई जाती है. तेल में शुद्ध तिल का तेल, बेना की जड़ें, विभिन्न सुगंधित फूल जैसे चमेली, जुई, मल्ली घोले जाते हैं. तिल का तेल फुलुरी तेल का आधार तेल है. इन सभी सामग्रियों को घोलकर बने तेल को मिट्टी के बर्तन में रखा जाता है. हर साल हेरा पंचमी से अणसर काल तक घड़े की मिट्टी को बंदकर उसे जमीन में गाड़कर रखा जाता है. अणसर अनुष्ठान के दौरान, फुलुरी तेल को भगवान के इलाज के लिए जमीन से निकालकर श्रीमंदिर को भेजा जाता है.