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क्या पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में आएगा ? सुनिए मोदी सरकार का जवाब

केंद्र सरकार ने कहा है कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में (Petroleum within GST) लाने का फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है. संविधान में संशोधन के कारण इसकी पहल भी जीएसटी काउंसिल (GST Council) ही करेगी. सरकार ने संसद के पटल पर बताया कि एक लीटर पेट्रोल पर जो 32 रुपये का सेंट्रल एक्साइज वसूला जाता है, इससे जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी
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Published : Jul 26, 2021, 1:07 PM IST

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का आज पांचवां दिन है. लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान मध्य प्रदेश की होशंगाबाद सीट से भाजपा सांसद उदय प्रताप सिंह ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में एकरूपता पर सवाल किया. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने इस सवाल का जवाब दिया. उदय प्रताप सिंह ने पूछा कि देश के हर राज्य में सरकारों की ओर से अलग-अलग टैक्स की दरें रखने के कारण पेट्रोल-डीजल और इनसे जुड़े अन्य उत्पादों की कीमतों में अंतर होता है.

उन्होंने पूछा कि क्या आने वाले समय में सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल से मंत्रालय सा सरकार यह अपील करेगी कि पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के दायरे में (Petroleum within GST) लाए जाएं, जिससे देश में ईंधन की कीमतें एक समान हों और उत्पाद की कीमतों में भी कुछ गिरावट हो.

इस सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि पेट्रोलियम की कीमतों के निर्धारण का मुद्दा यूपीए सरकार के कार्यकाल में साल 2010 में हुए डिरेगुलेशन के बाद वैश्विक बाजार की कीमतों के आधार पर कीमतें तय होती हैं. उन्होंने कहा कि एक लीटर पेट्रोल की कीमत का उदाहरण लेंगे तो आयात करने के बाद यदि इसकी कीमत 45 रुपये है, तो केंद्र और राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले करों के कारण कीमतें बढ़ती हैं.

पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री का जवाब

जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर पुरी ने कहा कि संविधान में संशोधन के बाद यह फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है. उनकी ओर से ही इस संबंध में कोई पहल की जाएगी.

यह भी पढ़ें- स्थानीय भाषाओं में पठन-पाठन केंद्र की प्राथमिकता : शिक्षा मंत्री

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 32 रुपये का जो सेंट्रल एक्साइज वसूला जाता है, इससे जनकल्याण की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए उज्जवला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और मुफ्त राशन वितरण की योजनाओं का जिक्र किया.

नई दिल्ली : संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का आज पांचवां दिन है. लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान मध्य प्रदेश की होशंगाबाद सीट से भाजपा सांसद उदय प्रताप सिंह ने पेट्रोल डीजल की कीमतों में एकरूपता पर सवाल किया. पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने इस सवाल का जवाब दिया. उदय प्रताप सिंह ने पूछा कि देश के हर राज्य में सरकारों की ओर से अलग-अलग टैक्स की दरें रखने के कारण पेट्रोल-डीजल और इनसे जुड़े अन्य उत्पादों की कीमतों में अंतर होता है.

उन्होंने पूछा कि क्या आने वाले समय में सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल से मंत्रालय सा सरकार यह अपील करेगी कि पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के दायरे में (Petroleum within GST) लाए जाएं, जिससे देश में ईंधन की कीमतें एक समान हों और उत्पाद की कीमतों में भी कुछ गिरावट हो.

इस सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Petroleum Minister Hardeep Singh Puri) ने कहा कि पेट्रोलियम की कीमतों के निर्धारण का मुद्दा यूपीए सरकार के कार्यकाल में साल 2010 में हुए डिरेगुलेशन के बाद वैश्विक बाजार की कीमतों के आधार पर कीमतें तय होती हैं. उन्होंने कहा कि एक लीटर पेट्रोल की कीमत का उदाहरण लेंगे तो आयात करने के बाद यदि इसकी कीमत 45 रुपये है, तो केंद्र और राज्यों की ओर से लगाए जाने वाले करों के कारण कीमतें बढ़ती हैं.

पेट्रोल-डीजल जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री का जवाब

जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर पुरी ने कहा कि संविधान में संशोधन के बाद यह फैसला जीएसटी काउंसिल को करना है. उनकी ओर से ही इस संबंध में कोई पहल की जाएगी.

यह भी पढ़ें- स्थानीय भाषाओं में पठन-पाठन केंद्र की प्राथमिकता : शिक्षा मंत्री

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 32 रुपये का जो सेंट्रल एक्साइज वसूला जाता है, इससे जनकल्याण की कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने कुछ उदाहरण देते हुए उज्जवला योजना, पीएम किसान सम्मान निधि और मुफ्त राशन वितरण की योजनाओं का जिक्र किया.

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