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दिल्ली हाईकोर्टः 26 जनवरी को हुई हिंसा की जांच की मांग वाली याचिका खारिज

सुनवाई करते हुए बताया गया कि पहले से ही 43 एफआईआर दर्ज हैं. वहीं, 13 एफआईआर स्पेशल सेल को ट्रांसफर की गई हैं. दिल्ली हिंसा के दौरान भय का माहौल पैदा किया गया.

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Published : Feb 4, 2021, 4:52 PM IST

violence on 26 january
दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह याचिका खारिज की है. बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका शुभम अवस्थी की तरफ से दायर की गई थी.

43 एफआईआर की गईं दर्ज

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आप ने घटना के दो दिन के अंदर ही याचिका दायर कर दी है. दो दिनों में जांच पूरी होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कानून के मुताबिक जांच पहले से जारी है. 43 एफआईआर दर्ज हुई हैं. 13 एफआईआर स्पेशल सेल को ट्रांसफर की गई हैं. सिख फ़ॉर जस्टिस जैसे प्रतिबंधित संगठनों के मामले में यूएपीए भी लगाया गया है.

एसआईटी से जांच की मांग

वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर याचिका में कहा गया था कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई घटना से राष्ट्रीय राजधानी में एक भय का माहौल पैदा हुआ है. याचिका में 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय झंडे के अपमान और हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. याचिका में लाल किले की घटना की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी.

पढ़ें: गाजीपुर बॉर्डर पर लगी कीलों को हटाया गया, बढ़ाई जा रही सुरक्षा

आरोपियों के खिलाफ की जाए कार्रवाई

याचिका में कहा गया था कि हिंसा करने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की वायरल वीडियो के जरिए पहचान की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिका में मांग की गई थी कि ट्रैक्टर रैली के आयोजनकर्ताओं को इस हिंसा का जिम्मेदार बनाया जाए. ये हिंसा उनके वालंटियर्स की मॉनिटरिंग में कमी की वजह से हुई. याचिका में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय झंडे और संविधान के अपमान से जुड़े कानून को और कड़ा करने का दिशानिर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि आगे ऐसी घटना नहीं हो.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने 26 जनवरी को किसान आंदोलन के दौरान हिंसा की जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह याचिका खारिज की है. बता दें, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका शुभम अवस्थी की तरफ से दायर की गई थी.

43 एफआईआर की गईं दर्ज

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि आप ने घटना के दो दिन के अंदर ही याचिका दायर कर दी है. दो दिनों में जांच पूरी होने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि कानून के मुताबिक जांच पहले से जारी है. 43 एफआईआर दर्ज हुई हैं. 13 एफआईआर स्पेशल सेल को ट्रांसफर की गई हैं. सिख फ़ॉर जस्टिस जैसे प्रतिबंधित संगठनों के मामले में यूएपीए भी लगाया गया है.

एसआईटी से जांच की मांग

वकील विवेक नारायण शर्मा के जरिए दायर याचिका में कहा गया था कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई घटना से राष्ट्रीय राजधानी में एक भय का माहौल पैदा हुआ है. याचिका में 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय झंडे के अपमान और हिंसा में शामिल लोगों को गिरफ्तार करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी. याचिका में लाल किले की घटना की एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई थी.

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आरोपियों के खिलाफ की जाए कार्रवाई

याचिका में कहा गया था कि हिंसा करने और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की वायरल वीडियो के जरिए पहचान की जाए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. याचिका में मांग की गई थी कि ट्रैक्टर रैली के आयोजनकर्ताओं को इस हिंसा का जिम्मेदार बनाया जाए. ये हिंसा उनके वालंटियर्स की मॉनिटरिंग में कमी की वजह से हुई. याचिका में केंद्र सरकार को राष्ट्रीय झंडे और संविधान के अपमान से जुड़े कानून को और कड़ा करने का दिशानिर्देश देने की मांग की गई थी, ताकि आगे ऐसी घटना नहीं हो.

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