नई दिल्ली: आर्थिक गतिविधियों में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं. व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan) और औद्योगिक ऋणों (Industrial Loans) में पिछले साल दिसंबर में एक ठोस वृद्धि दर्ज की गई. उपभोक्ताओं और उद्योग ने अधिक पैसा उधार लिया. हालांकि गोल्ड लोन (Gold Loan) में वृद्धि भारतीय परिवारों की कमजोर वित्तीय स्थिति और नकदी प्रवाह की समस्याओं को भी उजागर कर रही है. माना जा रहा है कि यह कोविड -19 महामारी के दौरान (caused by the Covid-19 pandemic) प्रतिकूल आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए लोगों ने पारिवारिक आभूषणों को गिरवी रखा.
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) द्वारा साझा किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2021 में व्यक्तिगत ऋणों में 14.3%, औद्योगिक ऋणों में 7.6% की वृद्धि दर्ज की गई. हालांकि, औद्योगिक ऋण के दो खंडों, मध्यम उद्योगों ने महीने के दौरान बहुत मजबूत वृद्धि दर्ज की.
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मध्यम उद्योग के लिए औद्योगिक ऋण पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान वृद्धि की तुलना में दिसंबर में 86.5% बढ़े, एमएसएमई क्षेत्र के ऋण में भी वर्ष-दर-वर्ष आधार पर दिसंबर में 20.5% की वृद्धि हुई. वित्त मंत्रालय ने कहा कि व्यक्तिगत ऋण खंड में मजबूती से विस्तार जारी रहा, दिसंबर 2021 में 14.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले महीने में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
गोल्ड लोन में बढ़ोतरी चिंता का विषय
हालांकि, रिपोर्ट ने पिछले साल दिसंबर के महीने में गोल्ड लोन में वृद्धि की ओर इशारा किया. इसमें कहा गया है कि सोने के बदले कर्ज में बढ़ोतरी व्यक्तिगत आय और नकदी प्रवाह पर दबाव का संकेत दे सकती है.
औद्योगिक ऋणों ने दर्ज की मजबूत वृद्धि
रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर 2021 में उद्योग के लिए ऋण वृद्धि पिछले महीने के 3.8 प्रतिशत की तुलना में दिसंबर 2021 में सालाना आधार पर 7.6 प्रतिशत बढ़ी. विशेषज्ञ को आश्चर्य हुआ कि मध्यम उद्योगों में 86.5 प्रतिशत की वृद्धि और सूक्ष्म और लघु उद्योगों में 20.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई.