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Jama Masjid Mumbai : मुंबई की जामा मस्जिद में महिलाओं को नमाज पढ़ने की इजाजत

जामा मस्जिद मुंबई (Jama Masjid Mumbai) में रमजान के महीने में महिलाओं को नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है. जामा मस्जिद के अध्यक्ष शोएब खतीब ने इसका एलान किया है.

Jama Masjid Mumbai
मुंबई की जामा मस्जिद
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Published : Mar 23, 2023, 10:41 PM IST

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मुंबई : मुस्लिम महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है. जामा मस्जिद के अध्यक्ष शोएब खतीब (Jama Masjid President Shoaib Khatib) ने एलान किया है कि 'हम रमजान के महीने में यहां की जामा मस्जिद में महिलाओं को नमाज पढ़ने की इजाजत दे रहे हैं. इसे इस्लाम की नजर में प्रगतिशील बदलाव माना जाता है. हमारा प्रयास है कि महिलाएं नियमित नमाज अदा करें और अब उनके लिए तरावीह का आयोजन करें. हम इस बारे में लंबे समय से सोच रहे थे.'

इससे पहले कभी भी मस्जिद में महिलाओं के लिए तरावीह का आयोजन नहीं किया गया. यह पहली बार है. शोएब खतीब का कहना है कि मस्जिद में तरावीह पांचों वक्त की नमाज के साथ अदा की जानी चाहिए. जामा मस्जिद के अध्यक्ष शोएब खतीब कहते हैं कि इमाम साहब की आवाज तिलावत के लिए आरक्षित कमरे तक पहुंच रही है.

इस एलान के बाद महिलाओं की खुशी तब दोगुनी हो जाती है जब उन्हें पता चलता है कि इस समय महिलाएं मस्जिद जा सकती हैं और तरावीह पढ़ सकती हैं. पास के कार्यालय में काम करने वाली एक महिला मस्जिद में ज़ोहर और अस्र की नमाज़ अदा करती है.

उनका कहना है कि मस्जिद में अलग कमरा होने के कारण उनकी नमाज नहीं पढ़ी जाती है. अब मैं तरावीह के आयोजन के लिए मस्जिद प्रशासन का आभार व्यक्त करती हूं. रमजान का महीना शुरू हो गया है. तरावीह की नमाज का यह तोहफा रोजे और इबादत के मौके पर काम पर निकलने वाली महिलाओं के लिए राहत की बात है. देर रात तक बाजार में खरीद-फरोख्त जारी रहेगी.

रमजान के मौके पर भांडीबाजार में कपड़े की छोटी सी दुकान चलाने वाली एक महिला का कहना है कि वह मस्जिद में तरावीह की नमाज अदा करने के लिए कुछ समय निकालना चाहती है. उन्होंने कहा कि 'मैं तरावीह पढ़ने के लिए मस्जिद जरूर जाऊंगी.'

पढ़ें- मुंबई के जामा मस्जिद में फिश पेडीक्योर थेरेपी मुफ्त

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मुंबई : मुस्लिम महिलाओं के लिए एक अच्छी खबर है. जामा मस्जिद के अध्यक्ष शोएब खतीब (Jama Masjid President Shoaib Khatib) ने एलान किया है कि 'हम रमजान के महीने में यहां की जामा मस्जिद में महिलाओं को नमाज पढ़ने की इजाजत दे रहे हैं. इसे इस्लाम की नजर में प्रगतिशील बदलाव माना जाता है. हमारा प्रयास है कि महिलाएं नियमित नमाज अदा करें और अब उनके लिए तरावीह का आयोजन करें. हम इस बारे में लंबे समय से सोच रहे थे.'

इससे पहले कभी भी मस्जिद में महिलाओं के लिए तरावीह का आयोजन नहीं किया गया. यह पहली बार है. शोएब खतीब का कहना है कि मस्जिद में तरावीह पांचों वक्त की नमाज के साथ अदा की जानी चाहिए. जामा मस्जिद के अध्यक्ष शोएब खतीब कहते हैं कि इमाम साहब की आवाज तिलावत के लिए आरक्षित कमरे तक पहुंच रही है.

इस एलान के बाद महिलाओं की खुशी तब दोगुनी हो जाती है जब उन्हें पता चलता है कि इस समय महिलाएं मस्जिद जा सकती हैं और तरावीह पढ़ सकती हैं. पास के कार्यालय में काम करने वाली एक महिला मस्जिद में ज़ोहर और अस्र की नमाज़ अदा करती है.

उनका कहना है कि मस्जिद में अलग कमरा होने के कारण उनकी नमाज नहीं पढ़ी जाती है. अब मैं तरावीह के आयोजन के लिए मस्जिद प्रशासन का आभार व्यक्त करती हूं. रमजान का महीना शुरू हो गया है. तरावीह की नमाज का यह तोहफा रोजे और इबादत के मौके पर काम पर निकलने वाली महिलाओं के लिए राहत की बात है. देर रात तक बाजार में खरीद-फरोख्त जारी रहेगी.

रमजान के मौके पर भांडीबाजार में कपड़े की छोटी सी दुकान चलाने वाली एक महिला का कहना है कि वह मस्जिद में तरावीह की नमाज अदा करने के लिए कुछ समय निकालना चाहती है. उन्होंने कहा कि 'मैं तरावीह पढ़ने के लिए मस्जिद जरूर जाऊंगी.'

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