चेन्नई : तमिलनाडु के कोयंबटूर (Coimbatore) में कोरोना वैक्सीन (corona vaccine) की अनुपलब्धता के कारण, जनता विभिन्न स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है. साथ ही कई जगहों पर लोगों और अधिकारियों के साथ बहस भी हुई है. दरअसल, जिला प्रशासन द्वारा वैक्सीन को लेकर दिन-रात फैलाई गई जागरुकता ने लोगों में टीकाकरण कराने में रुचि पैदा कर दी है.
दस दिनों के बाद सोमवार को कोयंबटूर में कोविड टीकाकरण फिर से शुरू हुआ. कोयंबटूर के अंदर 31 केंद्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 केंद्रों पर विशेष शिविरों के साथ टीकाकरण किया जा रहा है. यहां करीब 25 हजार वैक्सीन स्टॉक में है और आधी रात से जनता विभिन्न स्थानों पर लंबी कतारों में अपनी बारी का इंतजार कर रही है.
कई जगहों पर वैक्सीन के लिए टोकन (token) नहीं मिलने से जनता विरोध प्रदर्शन कर रही है. वड़ा मदुरै (vada madurai ) स्कूल में बड़ी तादाद में लोग टीकाकरण के लिए पहुंचे, लेकिन टोकन नहीं मिलने पर वे स्वास्थ्य कर्मियों के साथ तीखी बहस करने लगे और यह भी दावा किया कि टोकन ठीक से वितरित नहीं किए गए थे.
इसी तरह कोयंबटूर महानगर क्षेत्र के पीलामेडु नगर विद्यालय (Peelamedu Municipal School ) के सामने लंबे समय से इंतजार कर रही जनता ने टोकन न मिलने पर आक्रोशित होकर टीकाकरण केंद्र के सामने सड़क जाम कर दिया.
उनका आरोप है कि टोकन उपलब्ध नहीं थे, क्योंकि उनमें से कई राजनीतिक दलों द्वारा खरीदे गए थे. इसके बाद पुलिस ने लोगों को समझाया.
इतनी ही नहीं शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न हिस्सों में टोकन न मिलने से जनता आक्रोशित है और विरोध प्रदर्शन कर रही है. जहां आम जनता टीकाकरण कराने में रुचि रखती है, वहां जनता ने जिला प्रशासन ( district administration) से तदनुसार टीकाकरण के लिए कदम उठाने का आग्रह किया.
नंचुंदपुरम में सुबह-सुबह हल्की बारिश हुई इसके बावजूद लोग आधी रात से लाइन में खड़े टोकन लेने का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने टोकन लिया और टीकी लगवाया. मानसून की बारिश को ध्यान में रखते हुए लोगों ने मांग की है कि टीकाकरण केंद्रों की स्थापना की जाए ताकि लोग आराम से इंतजार कर सकें.
इसी तरह नादुर सिटी प्राइमरी स्कूल (Nadur City Primary School) में रात 8 बजे से 200 से अधिक लोग टीकाकरण के लिए टोकन लेने के लिए स्कूल परिसर के सामने जमा हो गए. सर्दी, मच्छर के काटने जैसे विभिन्न खतरों के बीच युवा और वृद्ध लोग रात से इंतजार करते रहे.
सुबह-सुबह स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि केवल 300 लोगों को टोकन दिया जाएगा, जिससे पूरी रात इंतजार करने वाले लोग गुस्से में आ गए और अधिकारियों के साथ बहस की. उनमें से कुछ ने अगले दिन के लिए टोकन देने पर भी जोर दिया, लेकिन जब अधिकारियों ने कहा कि यह संभव नहीं है.
शुरू में लोगों को वैक्सीन लगाने में कोई दिलचस्पी नहीं थी जब इसे शुरू किया गया था, लेकिन अब लोग वैक्सीन के लिए दिन-रात टीकाकरण केंद्रों पर भाग रहे हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वैक्सीन के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ी है . खास कर सबसे में वृद्धि और दूसरी लहर के कारण भी लोग टीकाकरण करवाने आ रहे हैं.
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कोयंबटूर जिले में अब तक 9 लाख 72 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है. यह भी कहा जा रहा है कि कई निजी कंपनियों (private companies) ने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए तभी कहा है जब उन्हें टीका लगा जाए. इस कार अधिक से अधिक युवा टीकाकरण प्राप्त करने में रुचि रखते हैं.
उल्लेखनीय है कि सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि सभी के लिए बिना किसी जटिलता के टीके उपलब्ध हों. साथ ही उन्होंने मांग की कि टीकाकरण केंद्र में अधिक भीड़ होने से कोविड फैल सकता है और इससे बचने के लिए राशन कार्ड (ration card) के आधार पर घर पहुंचकर टीकाकरण किया जाना चाहिए.
ईटीवी भारत के रिपोर्टर जिले में वैक्सीन की कमी के बारे में जानने के लिए जिला कलेक्टर समीर (District collector sameer) से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.