तेजपुर :मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में बुधवार को भगदड़ में 40 से अधिक लोग घायल हो गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुरक्षा बलों ने 10,000 से अधिक लोगों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. ये लोग सेना के बैरिकेड को हटाने की मांग करने के लिए एकत्र हुए थे. सेना से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि बुधवार को दिन भर गतिरोध जारी रहा. हथियारबंद उपद्रवियों ने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की और भीड़ ने उन पर पथराव किया. इस घटना में विशेष दंगा-रोधी बल, रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) के तीन कर्मी घायल हो गए.
भीड़ बिष्णुपुर के फौगाकचाओ इखाई और क्वाक्टा में 2 किमी के दायरे में दो स्थानों पर एकत्र हुई थी. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मैतेई समूह के लोग बिष्णुपुर-चुराचांदपुर सीमा पर बफर जोन में लगाए गए बैरिकेड का विरोध कर रहे हैं. प्रभावशाली मैतेई समूह, मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (COCOMI) ने युवाओं और स्थानीय लोगों को 6 सितंबर, 2023 को बड़ी संख्या में बाहर आने के लिए कहा था, ताकि पहाड़ी जिले चुराचांदपुर की ओर मोर्चाबंदी की जा सके. समूह ने कहा कि विरोध मार्च का कारण 30 अगस्त तक बैरिकेड हटाने में राज्य और केंद्र सरकारों की विफलता है.
COCOMI चाहता है कि इम्फाल और चुराचांदपुर को जोड़ने वाले मुख्य राजमार्ग पर फोगाकचाओ इखाई में बैरिकेड को हटा दिया जाए और उसकी जगह तोरबंग वांगमा में रखा जाए. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सशस्त्र बदमाशों ने बफर जोन में तैनात सुरक्षा बलों पर गोलीबारी करने के लिए स्वचालित बंदूकों का इस्तेमाल किया, उनमें से कुछ पुलिस कर्मियों की वर्दी में थे. मणिपुर प्रशासन की ओर से बुधवार को इंफाल घाटी के सभी पांच जिलों में एक दिन का कर्फ्यू लगाए जाने के बावजूद हजारों लोग सेना की मोर्चाबंदी की ओर बढ़े.
रक्षा सूत्र ने बताया कि जब केंद्रीय सुरक्षा बलों और सेना की संयुक्त टुकड़ियों ने क्वाक्टा में भीड़ को रोका तो भीड़ ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव कर जवाबी कार्रवाई की. शाम करीब 4.15 बजे बुधवार को हथियारबंद बदमाशों ने सुरक्षा बलों पर स्वचालित हथियारों से फायरिंग की. रक्षा सूत्र ने कहा कि सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन भगदड़ में महिलाओं समेत कुछ लोग घायल हो गए. इससे पहले मणिपुर सरकार ने COCOMI से विरोध रद्द करने की अपील की थी.
मंत्री सपम रंजम ने कहा कि सरकार ने पहले ही कई बैरिकेड हटा दिए हैं और टोरबुंग क्षेत्र के लगभग 700 विस्थापित लोग, जो विभिन्न राहत शिविरों में शरण ले रहे थे, वापस आना शुरू हो गये हैं. उन्होंने अपने मूल घरों में बसना शुरू कर दिया है.
ये भी पढ़ें |
इस क्षेत्र में आदिवासी कुकी-ज़ो और मैतेई समुदायों के बीच अक्सर झड़पें देखी गई हैं. 3 अगस्त को बिष्णुपुर के नारायणसेना में एक पुलिस शस्त्रागार को लूट लिया गया था. हाल ही में, 29 अगस्त और 1 सितंबर के बीच दो समूहों में झड़प हो गई जिसमें कम से कम आठ लोग मारे गए और 29 घायल हो गए.