नई दिल्ली : पेगासस (pegasus) मामले पर भारत में इजराइल के राजदूत (Israel's envoy to India) नाओर गिलोन (Naor Gillon) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि पेगासस भारत का आंतरिक मामला है. पेगासस बनाने वाली निजी कंपनी एनएसओ (NSO) को इजराइल (Israel) ने लाइसेंस दिया है. लेकिन लाइसेंस उन्हें सशर्त दी गई थी कि वह केवल सरकारों को ही अपने प्रोडक्ट्स शेयर करेगी.
हालांकि, मैं नहीं जानता कि एनएसओ ने भारत के साथ जानकारियां साझा की हैं, या नहीं. पेगासस भारत का आंतरिक मामला है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है, जिनमें वरिष्ठ पत्रकारा एन राम और शशि कुमार के साथ-साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका भी शामिल है. इन याचिकाओं में कथित पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है.
दिलचस्प बात है कि विगत 19 जुलाई को कांग्रेस ने दावा किया था कि इजरायली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) का उपयोग कर पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग-अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई है. इसलिए इस मामले में गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और इस्तीफा न दें, तो उन्हें बर्खास्त करना चाहिए.
आरोपों के जवाब में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं.
लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
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