नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान कुछ कागज फाड़ डाले और उसके टुकड़ों को हवा में लहरा दिया. यह घटना उस वक्त हुई जब सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों और इस मामले में विपक्ष के आरोपों पर सदन में बयान दे रहे थे. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही आरंभ हुई, उपसभापति हरिवंश ने बयान देने के लिए वैष्णव का नाम पुकारा. इसी समय, तृणमूल कांग्रेस और कुछ विपक्षी दल के सदस्य हंगामा करते हुए आसन के समीप आ गए तथा नारेबाजी करने लगे. इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य शांतनु सेन ने केंद्रीय मंत्री के हाथों से बयान की प्रति छीन ली और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिया.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शांतनु सेन ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने राज्यसभा में उन्हें अपशब्द कहे और वह मारपीट करने वाले थे, लेकिन सहयोगियों ने उनको बचा लिया. सेन ने पेगासस मुद्दे पर मंत्री अश्विनी वैष्णव के भाषण की प्रति को छीन कर फाड़ दिया जब वह राज्यसभा में इसे पढ़ रहे थे. सेन ने दावा किया कि पुरी ने उनकी तरफ अशोभनीय इशारा किया. सेन ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, 'केंद्रीय मंत्री ने मुझे धमकाया और मेरे साथ बदलसलूकी की. वह मुझसे मारपीट करने ही वाले थे कि मेरे अन्य सहयोगी मेरे बचाव में आ गए.'
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसदों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि वह सरकार से दो टूक जवाब चाहते हैं लेकिन सरकार के मंत्री बात को घुमा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर व्यक्तव्य देना चाहिए. तृणमूल इस पर चर्चा करना चाहती है. सरकार सबसे पहले यह जवाब दे कि उन्होंने पेगासस का इस्तेमाल किया है या नहीं. इसका जवाब उन्हें 'हां' या 'ना' में देना होगा.
तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि आने वाले दिनों में कई और नाम सामने आएंगे जिनकी जासूसी सरकार द्वारा कराई गई है. हम चाहते हैं कि संसद चले और उसमें जनता से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हो. उन्होंने कहा कि पेगासस प्रकरण पर तृणमूल सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा दोनों में ही चर्चा के लिये नोटिस दिए थे लेकिन कोई चर्चा आयोजित नहीं हुई.
डेरेक ओब्रायन ने कहा कि भारत में जिन लोगों के भी फ़ोन हैक कर उनकी जासूसी की गई है वह सरकार की जानकारी में हुई है. उन्हें लगता है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को इसकी पूरी जानकारी है.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव हंगामे और शोरगुल के कारण अपना बयान पुरा नहीं पढ़ सके. लिहाजा उन्होंने इसे सदन के पटल पर रख दिया. उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया लेकिन जब उनकी एक ना सुनी गई तो उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
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इससे पहले भी विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों पर सदन में हंगामा किया था. इसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी. हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी विवाद सहित कुछ अन्य मुद्दों पर सदन में नारेबाजी की.
उपसभापति हरिवंश ने हंगामा कर रहे सदस्यों से असंसदीय व्यवहार ना करने का अनुरोध किया लेकिन जब उनकी एक ना सुनी गई. उन्होंने टिप्पणी करते हुए कहा, 'यह असंसदीय परंपरा कृपया... जिस रिपोर्ट को हमलोग सुनना चाहते थे ...उस पर बहस नहीं होने दे रहे हैं...यह कौन सी लोकतांत्रिक प्रक्रिया है.'
हंगामे के बीच ही उपसभापति ने संसदीय समितियों की रिपोर्ट की प्रतियां सदन के पटल पर रखवाई. हंगामे के कारण यह विधायी कामकाज नहीं हो सकता था. इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.