ETV Bharat / bharat

पेटीएम आईपीओ : रिटेल निवेशक मेहरबान, संस्थागत निवेशक 'ठिठके' - पेटीएम

डिजिटल पेमेंट मार्केट में सिक्का जमाने वाली कंपनी पेटीएम का आईपीओ रिटेल निवेशकों के बीच हाथों हाथ बिक गया. हालांकि, संस्थागत निवेशकों का रिस्पांस उतना अच्छा नहीं रहा. मार्केट विशेषज्ञ मानते हैं कि कंपनी के आईपीओ को लेकर बहुत अधिक उत्साह का माहौल बनाया गया, लेकिन संस्थागत निवेशक शॉर्ट टर्म बेनिफिट भी देखते हैं. और फिलहाल ऐसा लग रहा है कि ऐसे निवेशकों को तुरंत कोई लाभ मिलता नहीं दिख रहा है.

पेटीएम आईपीओ
पेटीएम आईपीओ
author img

By

Published : Nov 9, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 8:22 PM IST

हैदराबाद : पेटीएम ने आईपीओ को लेकर जैसी उम्मीदें बांध रखी थीं, पिछले दो दिनों में वह पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दिया. रिटेल निवेशकों ने कंपनी के शेयर में इंटरेस्ट दिखाया, लेकिन संस्थागत निवेशक ठिठके हुए हैं. वे अभी इंतजार करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. आईपीओ की बिक्री कल तक जारी रहेगी.

विशेषज्ञ मानते हैं कि पेटीएम को लेकर जिस तरह का माहौल बनाया गया और बार-बार यह बताया गया कि भारतीय कॉरपोरेट के इतिहास में यह सबसे बड़ी ओपनिंग होगी, संस्थागत निवेशकों को सोचने पर मजबूर होना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उन्हें लगता है कि कंपनी में निवेश करने पर संभव है, शॉट टर्म में उतना अधिक रिटर्न न आए.

हालांकि सभी निवेशक ऐसा नहीं मानते हैं. इकोनोमिक टाइम्स ने अपने एक लेख में इन्वेस्टमेंट मैनेजर राखी प्रसाद का कमेंट प्रकाशित किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि पेटीएम की सबसे बड़ी ताकत उसका नेटवर्क है. यह देश का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट मार्केट है. जाहिर है, लंबे समय में कंपनी इसका पूरा फायदा उठाएगी. प्रोफिट भी लंबे समय में ही नजर आएगा. इसका मतलब है कि आपको शॉर्ट टर्म के हिसाब से नहीं, बल्कि मीड-टर्म और लंबे समय के लिए सोचना है. शॉट टर्म में लाभ की कमाई के बारे में सोच रहे हैं, तो यह निवेश आपके लिए नहीं है. संस्थागत निवेशक की ओर से संभवतः यही वजह रही कि वे बहुत अधिक निवेश के इच्छुक नहीं रहे.

हालांकि, एंकर निवेशक ब्लैकरॉक इंक, द आबू धाबी इन्वेस्टमेंट ऑथरिटी और सॉफ्ट बैंक ग्रुप कॉरपोरेशन ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया है. वे पेटीएम को लेकर बहुत ही आशान्वित हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि हो सकता है कंपनी का मूल्यांकन अधिक कर दिया गया हो. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम का मूल्य रेवेन्यू से करीब-करीब पचास गुना अधिक किया गया है. दूसरी वजह जो बताई जा रही है, वह ग्रे मार्केट प्रीमियम है. इसे जीएमपी कहते हैं. कंपनी के जीएमपी में गिरावट देखी गई है.

दरअसल, पेटीएम के सामने दो बड़ी कंपनियां चुनौती बनकर खड़ी हैं. वह है गूगल और वॉलमार्ट. गूगल की पेमेंट कंपनी गूगल पे है. निवेशक यह भी सोचते हैं कि मार्केट में आपके कंपटीटर कौन हैं. उनका फ्यूचर कैसा है. उनके पीछे कौन खड़ा है. सारे फैक्टर्स पर नजर डालने के बाद ही निवेश किया जाता है. ईटी की खबरों के मुताबिक अगले दो से तीन सालों में डिजिटल पेमेंट का मार्केट दो ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है.

आपको बता दें कि पेटीएम आईपीओ सब्सक्रिप्शन का दूसरा दिन कंपनी के लिए अच्छा रहा. रिटेल निवेशकों के हिस्से में जो भी शेयर थे, वह सभी बिक गए. यानी 100 फीसदी सब्सक्राइब हो गया. सोमवार को रिटेल का 70 फीसदी हिस्सा बिक गया था. आज 12 बजे तक बाकी का हिस्सा भी बिक गया.

रिटेल निवेशकों के लिए इस आईपीओ में केवल 10 फीसदी रिजर्व रखा गया था. यानी 18300 करोड़ में मात्र 1891 करोड़. नॉन इंस्टीट्यूशनल के लिए 2837 करोड़, क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 5674 करोड़ रखा गया है.

नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनएनआई) पेटीएम को लेकर बहुत अधिक उत्सुक नहीं दिखा रहे हैं. कम से कम दो दिनों में तो ऐसा ही दिख रहा है. अभी तक मात्र 0.29 फीसदी हिस्सा ही बिक पाया है. इसी प्रकार से क्वालीफाइड बायर्स के लिए रिजर्व का हिस्सा भी अभी तक 0.29 फीसदी ही भरा है.

रिटेल निवेशकों के लिए एक शेयर की कीमत 2080 से 2150 रुपये रखी गई थी. छह शेयरों का एक लॉट बनाया गया. एक लॉट खरीदने के लिए 12,900 रुपये खर्च करने पड़े. खुदरा खरीदारों के लिए अधिकतम 15 लॉट निर्धारित किया गया था. निवेश के हिसाब से बात करें तो 1,93,500 रु में 15 लॉट रखा गया था.

पेटीएम ने 18,300 करोड़ जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

यह भी पढ़ें- पेटीएम के आईपीओ को पहले दिन मिला 18 प्रतिशत अभिदान

कंपनी का कहना है कि उसने जानबूझकर छोटे लॉट बनाए ताकि अधिक से अधिक छोटे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके. कंपनी इस मामले में सफल भी रही है.

बता दें कि पेटीएम ब्रांड की संचालक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने सोमवार को 18,300 करोड़ रुपये मूल्य का आईपीओ शेयर बाजार में पेश किया. इस आईपीओ के तहत कंपनी ने 4.83 करोड़ शेयरों की पेशकश की. जिसमें से पहले दिन सिर्फ 88.23 लाख शेयरों के लिए अभिदान मिला था. गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित सिर्फ दो फीसदी शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं. आज भी उतना ही रिस्पॉंस मिला.

पेटीएम की तुलना में नायका और जोमैटो लिमिटेड के आईपीओ को पहले ही दिन निवेशकों का तगड़ा समर्थन मिला था. यह अलग बात है कि उनके निर्गम का आकार पेटीएम की तुलना में कहीं छोटा था.

हैदराबाद : पेटीएम ने आईपीओ को लेकर जैसी उम्मीदें बांध रखी थीं, पिछले दो दिनों में वह पूरा होता हुआ नहीं दिखाई दिया. रिटेल निवेशकों ने कंपनी के शेयर में इंटरेस्ट दिखाया, लेकिन संस्थागत निवेशक ठिठके हुए हैं. वे अभी इंतजार करने के मूड में दिखाई दे रहे हैं. आईपीओ की बिक्री कल तक जारी रहेगी.

विशेषज्ञ मानते हैं कि पेटीएम को लेकर जिस तरह का माहौल बनाया गया और बार-बार यह बताया गया कि भारतीय कॉरपोरेट के इतिहास में यह सबसे बड़ी ओपनिंग होगी, संस्थागत निवेशकों को सोचने पर मजबूर होना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो उन्हें लगता है कि कंपनी में निवेश करने पर संभव है, शॉट टर्म में उतना अधिक रिटर्न न आए.

हालांकि सभी निवेशक ऐसा नहीं मानते हैं. इकोनोमिक टाइम्स ने अपने एक लेख में इन्वेस्टमेंट मैनेजर राखी प्रसाद का कमेंट प्रकाशित किया है. इसमें उन्होंने बताया है कि पेटीएम की सबसे बड़ी ताकत उसका नेटवर्क है. यह देश का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट मार्केट है. जाहिर है, लंबे समय में कंपनी इसका पूरा फायदा उठाएगी. प्रोफिट भी लंबे समय में ही नजर आएगा. इसका मतलब है कि आपको शॉर्ट टर्म के हिसाब से नहीं, बल्कि मीड-टर्म और लंबे समय के लिए सोचना है. शॉट टर्म में लाभ की कमाई के बारे में सोच रहे हैं, तो यह निवेश आपके लिए नहीं है. संस्थागत निवेशक की ओर से संभवतः यही वजह रही कि वे बहुत अधिक निवेश के इच्छुक नहीं रहे.

हालांकि, एंकर निवेशक ब्लैकरॉक इंक, द आबू धाबी इन्वेस्टमेंट ऑथरिटी और सॉफ्ट बैंक ग्रुप कॉरपोरेशन ने इसमें इंटरेस्ट दिखाया है. वे पेटीएम को लेकर बहुत ही आशान्वित हैं. कुछ जानकारों का मानना है कि हो सकता है कंपनी का मूल्यांकन अधिक कर दिया गया हो. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पेटीएम का मूल्य रेवेन्यू से करीब-करीब पचास गुना अधिक किया गया है. दूसरी वजह जो बताई जा रही है, वह ग्रे मार्केट प्रीमियम है. इसे जीएमपी कहते हैं. कंपनी के जीएमपी में गिरावट देखी गई है.

दरअसल, पेटीएम के सामने दो बड़ी कंपनियां चुनौती बनकर खड़ी हैं. वह है गूगल और वॉलमार्ट. गूगल की पेमेंट कंपनी गूगल पे है. निवेशक यह भी सोचते हैं कि मार्केट में आपके कंपटीटर कौन हैं. उनका फ्यूचर कैसा है. उनके पीछे कौन खड़ा है. सारे फैक्टर्स पर नजर डालने के बाद ही निवेश किया जाता है. ईटी की खबरों के मुताबिक अगले दो से तीन सालों में डिजिटल पेमेंट का मार्केट दो ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ सकता है.

आपको बता दें कि पेटीएम आईपीओ सब्सक्रिप्शन का दूसरा दिन कंपनी के लिए अच्छा रहा. रिटेल निवेशकों के हिस्से में जो भी शेयर थे, वह सभी बिक गए. यानी 100 फीसदी सब्सक्राइब हो गया. सोमवार को रिटेल का 70 फीसदी हिस्सा बिक गया था. आज 12 बजे तक बाकी का हिस्सा भी बिक गया.

रिटेल निवेशकों के लिए इस आईपीओ में केवल 10 फीसदी रिजर्व रखा गया था. यानी 18300 करोड़ में मात्र 1891 करोड़. नॉन इंस्टीट्यूशनल के लिए 2837 करोड़, क्वालीफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए 5674 करोड़ रखा गया है.

नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनएनआई) पेटीएम को लेकर बहुत अधिक उत्सुक नहीं दिखा रहे हैं. कम से कम दो दिनों में तो ऐसा ही दिख रहा है. अभी तक मात्र 0.29 फीसदी हिस्सा ही बिक पाया है. इसी प्रकार से क्वालीफाइड बायर्स के लिए रिजर्व का हिस्सा भी अभी तक 0.29 फीसदी ही भरा है.

रिटेल निवेशकों के लिए एक शेयर की कीमत 2080 से 2150 रुपये रखी गई थी. छह शेयरों का एक लॉट बनाया गया. एक लॉट खरीदने के लिए 12,900 रुपये खर्च करने पड़े. खुदरा खरीदारों के लिए अधिकतम 15 लॉट निर्धारित किया गया था. निवेश के हिसाब से बात करें तो 1,93,500 रु में 15 लॉट रखा गया था.

पेटीएम ने 18,300 करोड़ जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.

यह भी पढ़ें- पेटीएम के आईपीओ को पहले दिन मिला 18 प्रतिशत अभिदान

कंपनी का कहना है कि उसने जानबूझकर छोटे लॉट बनाए ताकि अधिक से अधिक छोटे निवेशकों को आकर्षित किया जा सके. कंपनी इस मामले में सफल भी रही है.

बता दें कि पेटीएम ब्रांड की संचालक कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस लिमिटेड ने सोमवार को 18,300 करोड़ रुपये मूल्य का आईपीओ शेयर बाजार में पेश किया. इस आईपीओ के तहत कंपनी ने 4.83 करोड़ शेयरों की पेशकश की. जिसमें से पहले दिन सिर्फ 88.23 लाख शेयरों के लिए अभिदान मिला था. गैर-संस्थागत निवेशकों के लिए आरक्षित सिर्फ दो फीसदी शेयरों के लिए बोलियां मिली थीं. आज भी उतना ही रिस्पॉंस मिला.

पेटीएम की तुलना में नायका और जोमैटो लिमिटेड के आईपीओ को पहले ही दिन निवेशकों का तगड़ा समर्थन मिला था. यह अलग बात है कि उनके निर्गम का आकार पेटीएम की तुलना में कहीं छोटा था.

Last Updated : Nov 9, 2021, 8:22 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.