इंदौर (मध्य प्रदेश) : कोविड-19 के भीषण प्रकोप वाले वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार की एक जीवन बीमा योजना के तहत 2,34,905 मृत्यु दावे मंजूर किए गए और इनमें बीमित व्यक्तियों के परिवारों को 4,698.10 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. यह बीते पांच वित्तीय वर्षों में इस योजना के तहत बीमा राशि का सर्वाधिक भुगतान है. सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत यह जानकारी मिली है.
नीमच के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएम-जेजेबीवाय) को लेकर केंद्र के वित्तीय सेवाएं विभाग ने उन्हें सूचना के अधिकार तहत यह जानकारी दी है.
हालांकि, आरटीआई के तहत मुहैया कराए गए ब्योरे में इसका कोई जिक्र नहीं किया गया है कि बीमित व्यक्तियों की मृत्यु किन कारणों से हुई.
ब्योरे के मुताबिक 31 मार्च को समाप्त वित्तीय वर्ष 2020-21 में पीएम-जेजेबीवाय के तहत कुल 2,50,351 मृत्यु दावे प्राप्त हुए जिनमें से 13,100 दावे खारिज कर दिए गए, जबकि अन्य 2,346 दावों पर विचार किया जा रहा है.
पीएम-जेजेबीवाय के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में 1,78,189 मंजूर दावों में 3,563.78 करोड़ रुपये, 2018-19 में 1,35,212 मंजूर दावों में 2,704.24 करोड़ रुपये, 2017-18 में 89,708 मंजूर दावों में 1,794.16 करोड़ रुपये और 2016-17 में 59,118 मंजूर दावों में 1,182.36 करोड़ रुपये की जीवन बीमा राशि का भुगतान किया गया.
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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह आठ बजे तक जारी आंकड़ों के अनुसार देश में अब तक कोविड-19 के कुल 3,02,33,183 मरीज मिले हैं. इनमें से 3,95,751 लोगों की मौत हो गई.
गौरतलब है कि पीएम-जेजेबीवाय के तहत 18 से 50 वर्ष तक की आयु का हर वह व्यक्ति बैंक खाता के जरिए महज 330 रुपये का सालाना प्रीमियम अदा कर अपना जीवन बीमा करा सकता है. बीमित व्यक्ति की किसी भी कारण से मृत्यु होने की स्थिति में उसके परिवार को इस योजना के तहत दो लाख रुपये की बीमा राशि प्रदान की जाती है.
आरटीआई कार्यकर्ता गौड़ ने कहा, पीएम-जेजेबीवाय के तहत प्रदान की जाने वाली दो लाख रुपये की बीमा राशि मौजूदा महंगाई के मद्देनजर कम है. सरकार को इसे बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये करना चाहिए, भले ही इसके लिए उसे प्रीमियम में थोड़ी वृद्धि करनी पड़े.
(पीटीआई-भाषा)