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पवन वर्मा को तृणमूल कांग्रेस में मिली बड़ी जिम्मेदारी - ममता बनर्जी पवन वर्मा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने पवन वर्मा (Pavan Varma) को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी दी है. उन्हें टीएमसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है. पवन वर्मा की विपक्षी दलों में अच्छी पकड़ बताई जाती है. वह एक अच्छे प्रवक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं.

Pavan Varma
पवन वर्मा
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Published : Dec 19, 2021, 6:37 PM IST

Updated : Dec 19, 2021, 9:10 PM IST

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पवन के. वर्मा (Pavan Varma) को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. पवन वर्मा पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की मौजूदगी में दिल्ली में उन्होंने TMC की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि पवन वर्मा काे टीएमसी के संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, वह बिना किसी शर्त के टीएमसी में शामिल हुए थे.

पवन वर्मा पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में थे. वह जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं और जून 2014 से जुलाई 2016 तक राज्यसभा सांसद थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले वह भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी भी रह चुके हैं. पिछले साल जनवरी में पवन वर्मा को नीतीश कुमार से लंबी खींचतान के बाद जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.

पवन वर्मा के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. प्रशांत किशोर को जेडीयू में लाने में पवन वर्मा की बड़ी भूमिका थी. पवन वर्मा की विपक्षी दलों में अच्छी पकड़ बताई जाती है. वह एक अच्छे प्रवक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं.

यह भी पढ़ें- ममता की माैजूदगी में TMC में शामिल हुए पवन वर्मा और कीर्ति आजाद

नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने पवन के. वर्मा (Pavan Varma) को पार्टी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया है. पवन वर्मा पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे. टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की मौजूदगी में दिल्ली में उन्होंने TMC की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद से माना जा रहा था कि पवन वर्मा काे टीएमसी के संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. हालांकि, वह बिना किसी शर्त के टीएमसी में शामिल हुए थे.

पवन वर्मा पहले जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) में थे. वह जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं और जून 2014 से जुलाई 2016 तक राज्यसभा सांसद थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार भी रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले वह भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी भी रह चुके हैं. पिछले साल जनवरी में पवन वर्मा को नीतीश कुमार से लंबी खींचतान के बाद जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.

पवन वर्मा के साथ चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को भी जेडीयू से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. प्रशांत किशोर को जेडीयू में लाने में पवन वर्मा की बड़ी भूमिका थी. पवन वर्मा की विपक्षी दलों में अच्छी पकड़ बताई जाती है. वह एक अच्छे प्रवक्ता के तौर पर भी जाने जाते हैं.

यह भी पढ़ें- ममता की माैजूदगी में TMC में शामिल हुए पवन वर्मा और कीर्ति आजाद

Last Updated : Dec 19, 2021, 9:10 PM IST
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