हरिद्वारः पौड़ी बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव दाह संस्कार के लिए हरिद्वार के चंडी घाट पर पहुंचे. जहां पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. यूं तो श्मशान घाट का नजारा गमगीन ही रहता है, लेकिन आज श्मशान घाट का नजारा कुछ ज्यादा ही हृदय विदारक दिखाई दे रहा है. एक साथ 17 लोगों के शवों का अंतिम संस्कार देख हर कोई गमगीन है. हरिद्वार जिला प्रशासन की ओर से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की गई.
क्या था पौड़ी बस हादसा? बता दें कि बीती 4 अक्टूबर की देर शाम लालढांग से बीरोंखाल के कांडा तल्ला गांव जा रही बारातियों से भरी बस सिमड़ी के पास खाई में गिर गई (Pauri Bus Accident) थी. इस दर्दनाक हादसे में अभी तक 33 लोगों की मौत हो गई है. जबकि, कई घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. यह हादसा बेहद भयावह था. जिसमें कई लोग काल के गाल में समा गए. जहां लोग खुशी-खुशी शादी समारोह में शिरकत करने जा रहे थे, लेकिन दुल्हन के गांव के करीब ही यह हादसा हो गया. जिससे पल भर में खुशियां मातम में बदल गई.
वहीं, बस हादसे का शिकार हुए लोगों के शव हरिद्वार के चंडी घाट (Dead Body Cremation in Haridwar) पहुंचने शुरू हो गए हैं. जहां रोते बिलखते परिजन अपनों के खोने से बेसुध दिखाई दे रहे हैं. कोई परिवार तो ऐसा है, जिसके घर में कोई भी नहीं बचा तो किसी के सिर से मां-बाप दोनों का साया उठ गया.
परिजनों की सरकार से मांग है कि जिसके परिवार में कमाने वाले की मौत हुई है, उस परिवार को रोजगार और मुआवजा दिया जाए. हादसे में मारे गए लोगों के परिजन जहां एक ओर दुर्घटना स्थल पर एसडीआरएफ के देरी से पहुंचने की बात कह रहे है तो वहीं पहाड़ों की खस्ताहाल सड़कों को जिम्मेदार मान रहे हैं.