मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यहां एक आवास पुनर्विकास परियोजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार शिवसेना के नेता एवं सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) की जमानत याचिका का शुक्रवार को विरोध किया.
राउत ने धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलएल) संबंधी मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत में इस महीने की शुरुआत में एक याचिका दायर करके कहा था कि उनके खिलाफ दर्ज किया गया मामला 'सत्ता के दुरुपयोग' और 'राजनीतिक प्रतिशोध' का सटीक उदाहरण है. ईडी ने विशेष न्यायाधीश एम जी देशपांडे के समक्ष शुक्रवार को दाखिल अपने लिखित उत्तर में राउत की याचिका का विरोध किया.
जांच एजेंसी का विस्तृत जवाब अभी उपलब्ध नहीं है. ईडी की जांच पात्रा 'चॉल' के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और राउत की पत्नी तथा सहयोगियों से संबंधित वित्तीय लेनदेन से जुड़ी है. पात्रा चॉल पुनर्विकास से जुड़े कथित घोटाले के संबंध में ईडी ने राउत को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था.
ईडी के अनुसार, महाराष्ट्र आवासीय और क्षेत्र विकास प्राधिकरण (महाडा) ने पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना उपनगरीय क्षेत्र गोरेगांव में स्थित गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसीपीएल) को सौंपी थी. जीएसीपीएल हाउसिंग डेवेलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) से जुड़ी हुई कंपनी है.
ईडी ने कहा कि जीएसीपीएल को पुनर्विकास कार्य करके चॉल में रहने वाले किराएदारों को फ्लैट मुहैया कराना था और बची हुई जमीन निजी डेवेलपर्स को बेचनी थी, लेकिन 14 साल बाद भी किराएदारों को कोई फ्लैट नहीं मिला है. जांच में घोटाले का खुलासा होने पर राज्य सरकार ने इस डेवलपर से प्रोजेक्ट छीन लिया और उसे म्हाडा को सौंप दिया. सरकार ने रुके हुए पुनर्विकास को मंजूरी देने के लिए सेवानिवृत्त मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ की अध्यक्षता में एक समिति गठित की.