हरिद्वार: जोशीमठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बॉलीवुड फिल्मों व सीरियलों में दिखाई जाने वाली धर्म विरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए धर्म सेंसर बोर्ड बनाने का निर्णय लिया है. इसमें खुद शंकराचार्य समेत 10 लोग शामिल होंगे. बोर्ड हिंदू फिल्म और सीरियल में हिंदू धर्म और संस्कृति को लेकर विवादित डायलॉग, पात्र और तोड़ मरोड़ कर दर्शाए जाने वाले तथ्यों की समीक्षा करेगा.
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि कुछ निर्माता फिल्म धारावाहिक और ओटीटी में हिंदू धर्म और संस्कृति को बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं. जान बूझ पर लोगों के मन में अनास्था उत्पन्न करते हैं. इसकी निगरानी के लिए ही इस बोर्ड का गठन किया गया है. 15 जनवरी को दिल्ली में धर्म सेंसर बोर्ड का उद्घाटन किया जाएगा.
दो भागों में बांटा जाएगा बोर्ड: धर्म सेंसर बोर्ड को दो भागों में बांटा जाएगा. एक भाग जो आने वाली फिल्मों की समीक्षा करेगा और उनमें धर्म विरोधी जितने भी सीन होंगे उन्हें हटवाने का कार्य करेगा. वहीं दूसरा भाग इससे पहले रिलीज हो चुकी फिल्म और धारावाहिकों में जितने भी धर्म विरोधी सीन होंगे, उनको सुधरवाएगा ओर लोगों तक जानकारी पहुंचाएगा.
सेंसर बोर्ड के साथ मिलकर ही काम करेगा धर्म सेंसर बोर्ड: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने का बताया कि हमारा विरोध सेंसर बोर्ड से नहीं बल्कि फिल्मों में दिखाई जा रही धर्म विरोधी क्रियाकलापों से है. हम सेंसर बोर्ड के साथ मिलकर ही काम करेंगे. हम धर्म सेंसर बोर्ड में धर्म से जुड़े हुए लोगों को ही रखेंगे. उनकी एक कमेटी बनाएंगे जो धर्म के बारे में अच्छी जानकारी रखते हों. किस चीज और किस पात्र का कितना प्रभाव हमारे धर्म पर पड़ेगा, इसकी सोच समझ उन्हें हो.
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शाहरुख की पठान से विवाद उठा: दरअसल शाहरुख खान की फिल्म पठान इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है. कुछ समय पहले इस फिल्म का गाना बेशर्म रंग रिलीज किया गया था. गाने में शाहरुख खान के हरे रंग की शर्ट और दीपिका पादुकोण की भगवा बिकिनी के रंग को मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विवादित बताया था. इसके बाद देश के अनेक शहरों से फिल्म के गाने के खिलाफ प्रदर्शन हुए. इससे पहले नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई सुटेबल ब्वॉय में मंदिर की मर्यादा को चोट पहुंचाने की कोशिश का आरोप लगा था. नेटफ्लिक्स पर ही रिलीज़ हुई एक और फिल्म लूडो को लेकर भी सवाल उठे थे. इस फिल्म में चार कहानियों को एक में पिरोया गया लेकिन अनुराग बासु पर एंटी हिन्दू सोच का आरोप लगा.