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पत्थलगड़ी समर्थक शिलापट्ट लगाने पहुंचे हाई कोर्ट, 'आदिवासियों का हो शासन-प्रशासन पर नियंत्रण'

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Published : Feb 22, 2021, 5:02 PM IST

सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अपने अधिकार का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. मौके पर पहुंची पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद मामले को शांत कराया और राज्यपाल से मुलाकात का आश्वासन दिया.

पत्थलगड़ी समर्थक
पत्थलगड़ी समर्थक

रांची : पत्थलगड़ी की आंच अब राजधानी रांची तक पहुंच गई है. सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान समर्थकों ने संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अपने अधिकारों का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. पत्थलगड़ी समर्थकों ने काफी देर तक डोरंडा स्थित अंबेडकर चौक पर नारेबाजी की. उनके हाथ में सफेद, काले और लाल रंग के झंडे भी थे. इस दौरान पुलिस को उन्हें हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात के आश्वासन के बाद वे शांत हुए.

पढ़ें- आईएमए ने कोरोनिल टैबलेट पर पतंजलि के दावे को बताया सरासर झूठ

पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों को मिले अधिकार
पत्थलगड़ी समर्थक धनेश्वर टोप्पो ने बताया कि अब रांची में हर प्रमुख जगहों पर शिलापट्ट लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अधिकार को आदिवासियों से कोई नहीं छीन सकता है. शासन, प्रशासन और नियंत्रण आदिवासियों के पास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के पास जुटे समर्थक पड़हा राजा व्यवस्था से जुड़े लोग हैं, जो खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और रांची के रहने वाले हैं.

पत्थलगड़ी समर्थकों ने की नारेबाजी.

धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वे गुमला के रहने वाले हैं और कुड़ुख नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. अन्य पत्थलगढ़ी समर्थक सिमडेगा से बीरेंद्र जोजो, खूंटी से फोदो उरांव, एतवा मुंडा और सिमडेगा के कामडारा से पड़हा राजा राजीव इसका नेतृत्व कर रहे थे.

बाद में पहुंची पांच थानों की पुलिस

संवेदनशील इलाके में इतने लोग हाथ में झंडा लिए जमा हो गए, लेकिन पुलिस को पता नहीं चला. बाद में पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. इस दौरान नारेबाजी होती रही और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

रांची : पत्थलगड़ी की आंच अब राजधानी रांची तक पहुंच गई है. सोमवार को करीब 200 की संख्या में पत्थलगड़ी समर्थक झारखंड हाई कोर्ट के सामने पहुंचे. इस दौरान समर्थकों ने संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत अपने अधिकारों का हवाला देते हुए शिलापट्ट लगाने की कोशिश की. पत्थलगड़ी समर्थकों ने काफी देर तक डोरंडा स्थित अंबेडकर चौक पर नारेबाजी की. उनके हाथ में सफेद, काले और लाल रंग के झंडे भी थे. इस दौरान पुलिस को उन्हें हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. मंगलवार को राज्यपाल से मुलाकात के आश्वासन के बाद वे शांत हुए.

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पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासियों को मिले अधिकार
पत्थलगड़ी समर्थक धनेश्वर टोप्पो ने बताया कि अब रांची में हर प्रमुख जगहों पर शिलापट्ट लगाया जाएगा. उन्होंने कहा कि पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अधिकार को आदिवासियों से कोई नहीं छीन सकता है. शासन, प्रशासन और नियंत्रण आदिवासियों के पास होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के पास जुटे समर्थक पड़हा राजा व्यवस्था से जुड़े लोग हैं, जो खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और रांची के रहने वाले हैं.

पत्थलगड़ी समर्थकों ने की नारेबाजी.

धनेश्वर टोप्पो ने कहा कि वे गुमला के रहने वाले हैं और कुड़ुख नेशनल काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं. अन्य पत्थलगढ़ी समर्थक सिमडेगा से बीरेंद्र जोजो, खूंटी से फोदो उरांव, एतवा मुंडा और सिमडेगा के कामडारा से पड़हा राजा राजीव इसका नेतृत्व कर रहे थे.

बाद में पहुंची पांच थानों की पुलिस

संवेदनशील इलाके में इतने लोग हाथ में झंडा लिए जमा हो गए, लेकिन पुलिस को पता नहीं चला. बाद में पांच थानों की पुलिस मौके पर पहुंची. इस दौरान नारेबाजी होती रही और पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

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