देहरादून: स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा अपने प्रवर्तकों के शेयरों को फ्रीज करने के बाद, पतंजलि फूड्स ने कहा इस कदम से कंपनी के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. वह सार्वजनिक शेयर होल्डिंग को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए अप्रैल में फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (एफपीओ) लॉन्च करने की प्रक्रिया शुरू करेगी. स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बीएसई ने बाबा रामदेव की अगुवाई वाली पतंजलि समूह की फर्म पतंजलि फूड्स के प्रवर्तकों के शेयरों को फ्रीज कर दिया है.
पीटीआई के साथ एक साक्षात्कार में, रामदेव ने अपने निवेशकों और सार्वजनिक शेयरधारकों को आश्वासन दिया. बाबा रामदेव ने कहा पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पीएफएल) के संचालन और वित्तीय प्रदर्शन और इसके ग्रोथ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, 'निवेशकों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है'. रामदेव के अनुसार, सेबी के दिशा निर्देशों के अनुसार 8 अप्रैल, 2023 तक प्रवर्तकों के शेयर पहले से ही लॉक-इन में हैं, जो लिस्टिंग की तारीख से एक वर्ष है, और स्टॉक एक्सचेंजों के नवीनतम कदम का बाजार पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं दिखता है.
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उन्होंने कहा PFL को पतंजलि समूह द्वारा "आदर्श तरीके" से संचालित किया जा रहा है. व्यवसाय के विस्तार और वितरण, लाभप्रदता और प्रदर्शन जैसे सभी कारकों का ध्यान रखा जा रहा है. उन्होंने कहा, 'हम करीब छह फीसदी हिस्सेदारी बेच रहे हैं. इस बारे में कोई सवाल नहीं है'. उन्होंने कहा देरी इसलिए हुई क्योंकि बाजार की स्थिति अनुकूल नहीं थी. समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'हम एफपीओ की प्रक्रिया चालू वित्त वर्ष खत्म होने के तुरंत बाद अप्रैल में शुरू करेंगे' हरिद्वार स्थित समूह पहले ही अपतटीय और घरेलू निवेशकों को 'लाइन अप' कर चुका है, जो पीएफएल में निवेश करने के लिए तैयार है.
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बीते रोज पतंजलि फूड्स लिमिटेड (पीएफएल) ने सूचित किया कि प्रमुख बाजारों बीएसई और एनएसई ने पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालकृष्ण सहित अपनी 21 प्रवर्तक संस्थाओं के शेयरों को फ्रीज कर दिया था, जो पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक और पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के सह-संस्थापक हैं. 18 दिसंबर, 2019 को पीएफएल की सार्वजनिक शेयरधारिता 25 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से कम हो गई थी, इसलिए 18 दिसंबर, 2022 से पहले एमपीएस को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना आवश्यक था, जो नहीं किया गया था. पीएफएल मार्च, 2022 में एक एफपीओ के साथ सामने आया और 648 रुपये के प्रीमियम पर 2 रुपये के 6.61 करोड़ इक्विटी शेयर आवंटित करके एमपीएस को बढ़ाकर 19.18 प्रतिशत कर दिया.
(इनपुट- पीटीआई)