कोझिकोड: केरल में कोझिकोड रेलवे पुलिस ने शुक्रवार को मानव तस्करी के आरोप में एक पादरी और राजस्थान के रहने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बाल कल्याण समिति के सदस्यों के साथ कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर आरोपियों के कब्जे से 12 बच्चियों को छुड़ाया. बताया गया कि इन बच्चों को राजस्थान से बिना किसी वैध दस्तावेज के यहां लाया गया था और इन्हें एक गिरजाघर ले जाने की योजना थी.
मामले में पुलिस ने करुणा भवन चैरिटेबल ट्रस्ट के निदेशक, पादरी जैकब वर्गीस सहित राजस्थान के दलाल लोकेश कुमार और श्याम लाल को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने बताया कि करुणा भवन चैरिटेबल ट्रस्ट बिना किसी अनुमति के काम कर रहा है क्योंकि सरकार ने तीन साल पहले एजेंसी का लाइसेंस वापस ले लिया था. पुलिस को शक है कि यह गिरोह पहले भी बच्चों की तस्करी शामिल रह चुका है.
इन बच्चियों को रेलवे पुलिस एवं बाल कल्याण समिति के सदस्यों द्वारा कोझिकोड रेलवे स्टेशन पर ओका एक्सप्रेस से छुड़ाया गया. फिलहाल इन बच्चियों को कोझिकोड में बाल कल्याण गृह में भर्ती कराया गया है जिसके बाद राजस्थान चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी द्वारा इन्हें इनके अभिभावकों को सौंपा जाएगा.
पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि करुणा भवन की गतिविधियां बेहद रहस्यमय हैं और उनकी गतिविधियों की जांच की जाएगी. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 40,000 बच्चे लापता होते हैं और उनमें से 11,000 बच्चों का कभी पता नहीं चलता. इनमें से लगभग 90 प्रतिशत मानव तस्करी राज्यों के बीच होती है, जबकि शेष 10 प्रतिशत विदेशों में होती है.