श्रीनगर : अलगाववादी नेता यासीन मलिक को एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जिसके बाद गुरुवार को घाटी में आंशिक रूप से बंद रहा. श्रीनगर शहर के लाल चौक और मलिक के इलाका मैसूमा सहित शहर के सभी शॉपिंग मॉल और दुकानें बंद रहीं. सार्वजनिक परिवहन और गतिशीलता कम है, लेकिन सरकारी कार्यालय और स्कूल खुले हैं. हालांकि, पुलिस किसी को मैसूमा क्षेत्र में प्रवेश करने से नहीं रोक रही है, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस क्षेत्र में नियमित गश्त कर रही है.
इसके अलावा, एहतियात के तौर पर शहर के केंद्र में मोबाइल इंटरनेट की गति भी कम कर दी गई है. इस बीच, पुलिस ने कल मलिक की सजा से पहले विरोध प्रदर्शन और पथराव में शामिल दस युवकों को गिरफ्तार करने का भी दावा किया है.
बता दें कि, यासीन मलिक को एनआईए अदालत ने दो मामलों में आजीवन कारावास और 10 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. कल मैसूमा में सजा सुनाए जाने से पहले यासीन मलिक के घर के बाहर राष्ट्र विरोधी नारेबाजी और पथराव में गिरफ्तार किए गए आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. अन्य सभी इलाकों में शांति बनी रही. बुधवार को टेरर फंडिंग मामले में प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) को एनआईए की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. वहीं, हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इसकी निंदा की है.
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