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Part-time कर्मचारी नियमित किये जाने की मांग के हकदार नहीं: SC - supreme court observation on part time employees demand

जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी सरकारी संस्थान में पार्ट-टाइम अस्थायी कर्मचारी समान काम समान वेतन के सिद्धांत पर सरकार के नियमित कर्मचारियों के समान वेतन में समानता की मांग नहीं कर सकते.

उच्चतम न्यायालय
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Published : Oct 8, 2021, 12:29 PM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि अंशकालिक (Part-time) कर्मचारी नियमित किये जाने की मांग करने के हकदार नहीं हैं, क्योंकि वे किसी मंजूर पद पर काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नियमित करना सिर्फ नियमितीकरण नीति के मुताबिक किया जा सकता है, जैसा कि राज्य/सरकार द्वारा घोषित हो तथा कोई व्यक्ति नियमितीकरण को अधिकार के विषय के तौर पर दावा नहीं कर सकता.

जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी सरकारी संस्थान में पार्ट-टाइम अस्थायी कर्मचारी समान काम समान वेतन के सिद्धांत पर सरकार के नियमित कर्मचारियों के समान वेतन में समानता की मांग नहीं कर सकते हैं.

पढ़ें : विदेश में कोवैक्सीन के टीके को मान्यता नहीं, फिर से टीका लगाने की अनुमति देने SC में याचिका

न्यायालय ने केंद्र की एक एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह कहा कि जिसके जरिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि अंशकालिक (Part-time) कर्मचारी नियमित किये जाने की मांग करने के हकदार नहीं हैं, क्योंकि वे किसी मंजूर पद पर काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नियमित करना सिर्फ नियमितीकरण नीति के मुताबिक किया जा सकता है, जैसा कि राज्य/सरकार द्वारा घोषित हो तथा कोई व्यक्ति नियमितीकरण को अधिकार के विषय के तौर पर दावा नहीं कर सकता.

जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी सरकारी संस्थान में पार्ट-टाइम अस्थायी कर्मचारी समान काम समान वेतन के सिद्धांत पर सरकार के नियमित कर्मचारियों के समान वेतन में समानता की मांग नहीं कर सकते हैं.

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न्यायालय ने केंद्र की एक एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह कहा कि जिसके जरिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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