नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने कहा कि अंशकालिक (Part-time) कर्मचारी नियमित किये जाने की मांग करने के हकदार नहीं हैं, क्योंकि वे किसी मंजूर पद पर काम नहीं कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि नियमित करना सिर्फ नियमितीकरण नीति के मुताबिक किया जा सकता है, जैसा कि राज्य/सरकार द्वारा घोषित हो तथा कोई व्यक्ति नियमितीकरण को अधिकार के विषय के तौर पर दावा नहीं कर सकता.
जस्टिस एम आर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी सरकारी संस्थान में पार्ट-टाइम अस्थायी कर्मचारी समान काम समान वेतन के सिद्धांत पर सरकार के नियमित कर्मचारियों के समान वेतन में समानता की मांग नहीं कर सकते हैं.
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न्यायालय ने केंद्र की एक एक अपील पर सुनवाई करते हुए यह कहा कि जिसके जरिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती दी गई थी.
(पीटीआई-भाषा)