नई दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र (parliament winter session) से पहले 28 नवंबर को एक सर्वदलीय बैठक (all party meet) बुलाई गई है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह बताया है.
गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होने वाला है. इसी बीच सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 नवंबर की सर्वदलीय बैठक में (PM Modi in all party meet) शामिल हो सकते हैं.
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र और बजट सत्र के तुरंत बाद 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए राजनीतिक दल सरकार को घेरने की पुरजोर कोशिश करेंगे. इससे अलग एक साल से आंदोलन कर रहे किसानों ने आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान हर दिन संसद तक मार्च निकालने का फैसला किया है.
इससे पहले कांग्रेस के नेताओं ने हिंदू और हिंदुत्व पर बयान देकर माहौल को गरमा दिया है. शीतकालीन सत्र में इसकी गूंज भी सुनाई देगी. इसके अलावा कई ऐसे मुद्दे हैं, जिसमें केंद्र सरकार को जबाव देना है.
पिछले 6 महीने में महंगाई आसमान छू रही है. पेट्रोल और डीजल के दाम तो बढ़ ही गए हैं, आम आदमी का राशन-पानी महंगा हो गया है. खाने के तेल की कीमत करीब दोगुनी हो गई है. महंगाई के मुद्दे पर संसद में बहस हो सकती है. कांग्रेस शासित राज्यों में वैट वसूलने का मुद्दा उठना तय है. बहस नहीं हुई तो हंगामा तय है.
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बता दें कि संसद का मॉनसून सेशन पेगासस जासूसी कांड की भेंट चढ़ गया था. मॉनसून सत्र में लोकसभा में सिर्फ 21 फीसद और राज्यसभा में 29 फीसदी काम हुए. अब शीतकालीन सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं. हालांकि 2014 के बाद विंटर सेशन का ट्रैक रेकार्ड काफी अच्छा रहा है. 2014 और 2015 में इस सत्र में 98 फीसदी विधायी काम पूरे हुए.
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2016 के शीतकालीन सत्र में संसद प्रोडक्टिविटी सिर्फ 15 फीसदी पर अटक गई. 2017 में यह 78 फीसद तक पहुंची, 2018 में सिर्फ 46 प्रतिशत विधायी कार्य हुए. 2019 में संसद की रेकॉर्ड 111 पर्सेंट की प्रोडक्टिविटी रही. 2020 में कोरोना के कारण शीतकालीन सत्र को रद्द करना पड़ा. इस बार संसद 15 दिनों में कितना काम करती है, यह देखना जरूरी है.
(एएनआई)