नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के बाद सरकार ने लोकतंत्र के मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव कर दिया है. संसद की सुरक्षा को और पुख्ता बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. इसके चलते बृहस्पतिवार को कई विजिटरों को निराशा हाथ लगी. तेलंगना के निजामाबाद के रहने वाले रोशन लाल बोहरा और सुरेश चौधरी दो बदकिस्मत व्यक्ति हैं जो संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने और संसद के बाहर अराजकता पैदा करने की घटना के एक दिन बाद संसद देखने के लिए दिल्ली आए थे.
बोहरा ने ईटीवी भारत से कहा, 'सदन की कार्यवाही देखने के लिए हम कल रात निजामाबाद से दिल्ली पहुंचे. हालांकि, हमें यह जानकर निराशा हुई कि विजिटर्स का प्रवेश फिलहाल रद्द कर दिया गया है. हालाँकि, बोहरा को उम्मीद है कि संसद में विजिटर्स के प्रवेश पर लगा प्रतिबंध जल्द ही हटा लिया जाएगा. बोहरा ने कहा, 'हम अगली बार सदन की कार्यवाही देखने जरूर आएंगे.'
निजामाबाद के दोनों लोग निजामाबाद के लोकसभा सांसद अरविंद धर्मपुरी द्वारा जारी विजिटर्स पास के साथ आए थे. कल की घटना के बाद संसद के अंदर और बाहर सुरक्षा प्रोटोकॉल को नया रूप दिया गया है. संसद सचिवालय ने सांसदों, स्टाफ सदस्यों और प्रेस के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार आवंटित करने का निर्णय लिया है.
जब आगंतुकों को वापस जाने की अनुमति दी जाएगी तो वे चौथे द्वार से प्रवेश करेंगे. लोगों को लोकसभा कक्ष में कूदने से रोकने के लिए अब दर्शक दीर्घा को कांच से ढक दिया जाएगा. हवाईअड्डों की तरह बॉडी स्कैन मशीनें संसद में लगाई जाएंगी. सदन के अंदर सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ा दी गई है. संसद परिसर के बाहर सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मी गश्त करते नजर आ रहे हैं. संसद के आसपास लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. संसद के बाहर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने संवाददाता को बताया, 'कल की घटना के बाद हमने सुरक्षा उपायों में सुधार किया है.'