नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को संसद की सुरक्षा चूक छह व्यक्तियों के एक समूह द्वारा सावधानीपूर्वक नियोजित और कोऑर्डिनेटेड ऑपरेशन था, जिन्होंने योजना तैयार करने के लिए इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से बातचीत बनाए रखी थी. सूत्रों के अनुसार, 'संदिग्धों ने कई दिन पहले योजना तैयार की और बुधवार को संसद में प्रवेश करने से पहले रेकी की और अपने कृत्य को अंजाम देने के लिए 13 दिसंबर की तारीख चुनी थी.'
एक साझा विचारधारा से एकजुट होकर, उन्होंने सामूहिक रूप से सरकार को एक संदेश देने का लक्ष्य रखा. वे एक साल से अधिक समय से सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम के माध्यम से एक-दूसरे के संपर्क में थे. सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी व्यक्ति या संगठन से निर्देश मिले थे. गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों की पहचान मैसूरु निवासी मनोरंजन डी, लखनऊ निवासी सागर शर्मा, हरियाणा के जिंद निवासी नीलम, महाराष्ट्र के लातूर निवासी अमोल शिंदे और गुरुग्राम सेक्टर-7 के रहने वाले और मूल रूप से हिसार का रहने वाले विक्रम उर्फ विक्की शर्मा के रूप में हुई है.
आरोपियों में से एक, जिसकी पहचान ललित झा के रूप में हुई है, अभी भी फरार है. पुलिस ने कहा कि उसे पकड़ने के लिए छापेमारी का जा रही है. शुरुआती जांच के अनुसार, यह भी पता चला है कि मनोरंजन और शर्मा के पास 45 मिनट के लिए विजिटर्स पास थे लेकिन वे करीब दो घंटे तक दर्शक दीर्घा में रहे. दोनों ने दर्शक दीर्घा से लोकसभा हॉल में प्रवेश किया था. कर्नाटक के इंजीनियरिंग छात्र मनोरंजन और शर्मा ने कर्नाटक के मैसूरु से भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के संदर्भ में अपना विजिटर पास जारी करवाया था. नीलम और शिंदे संसद के बाहर कलर फ़्लेयर के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.