नई दिल्लीः दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले की आरोपी नीलम की एफआईआर की प्रति देने की मांग पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत इस मामले पर कल यानि 19 दिसंबर को फैसला सुनाएगी. सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान नीलम के वकील ने कहा कि हमारा कानूनी अधिकार है कि वकील और परिवार को मिलने दिया जाए. परिवार को ये जानने का अधिकार है कि उसके खिलाफ आरोप क्या दर्ज किया गया है. इसके लिए एफआईआर की प्रति जरूरी है. इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि मामला संवेदनशील है और आतंकवाद से जुड़ा मामला है. इसलिए गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है.
नीलम के वकील ने कहा कि जांच अधिकरी से हमने एफआईआर की प्रति मांगी थी तब जांच अधिकारी ने अदालत में अर्जी दाखिल करने के लिए कहा था. कानून भी आरोपी को अधिकार देता है कि परिवार उससे मिल सके. उसे वकील से भी नहीं मिलने दिया गया. नीलम के वकील ने कहा कि परिवार वालों को यह जानने का अधिकार है कि नीलम के ऊपर क्या आरोप लगा है. परिवार को बस इतना पता है कि नीलम गिरफ्तार हुई है.
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16 दिसंबर को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. नीलम को संसद के बाहर नारा लगाते हुए 13 दिसंबर को चार आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने चारों आरोपियों को 14 दिसंबर को पुलिस हिरासत में भेजा था. दिल्ली पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है.
संसद में कूद गए थे दो युवकः 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूद गए थे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग नारेबाजी करते हुए पकड़े गए थे. पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.