नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र दो दिन के अवकाश के बाद सोमवार को एक बार फिर हंगामे के साथ शुरू हुआ. लोकसभा में जैसे ही स्पीकर ओम बिरला अपने पद पर आसीन हुए, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने स्पीकर से कहा कि मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बयान देना चाहिए. इस पर स्पीकर बिरला अधीर रंजन पर यह कहकर भड़क उठे कि सदन इस मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है. आप तय नहीं करेंगे कि यहां कौन आकर जवाब देगा.
दरअसल, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज मणिपुर के मुद्दे को लेकर स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में आकर जवाब रखना चाहिए. उनके यहां आकर जवाब देने से आसमान तो टूट नहीं पड़ेगा. इस पर स्पीकर ओम बिरला भड़क उठे और उन्हें जवाब दिया कि जिस मुद्दे पर चाहें, उस पर सदन यहां चर्चा करने को तैयार है. लेकिन यहां कौन आकर जवाब देगा ये आप तय नहीं करेंगे. जो जवाब का मंत्री है, वो जवाब देंगे. सदन के उपनेता ने भी कहा था कि वो सदन में चर्चा करने को तैयार हैं. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जौशी भी अपनी सीट से खड़े हो गए और कहने लगे कि वो चर्चा करने को तैयार हैं.
स्पीकर बिरला ने कांग्रेस नेता से कहा, " चूंकि आपने ये मुद्दा उठाया है, इसलिए मेरा आग्रह है कि आप सदन चलाएं और इस पर चर्चा भी होगी. चर्चा से ही समस्या का समाधान होगा. जिन लोगों और मुद्दों के लिए चर्चा करना चाहते हैं, उनपर चर्चा से ही समाधान निकलेगा." सदन में हंगामे के बीच स्पीकर ने राजनाथ सिंह से भी आग्रह करने को कहा. जैसे ही राजनाथ सिंह बोलने लगे, विपक्ष नेताओं ने शोर मचाना शुरू कर दिया. इसके बावजूद मंत्री राजनाथ ने कहा, "सत्तापक्ष मुद्दे पर चर्चा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, लेकिन प्रतिपक्ष हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है." उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि मणिपुर जैसे मुद्दे के लिए प्रतिपक्ष गंभीर नहीं है. वहीं, सदन में नेताओं के हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने कहा कि आपको जनता ने पोस्टर दिखाने के लिए नहीं भेजा है.