नई दिल्ली : लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू हुई. जबकि राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. लोकसभा में इस समय राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही है. इससे पहले नियम 267 के तहत विभिन्न विपक्षी सदस्यों के कार्य स्थगन नोटिस अस्वीकार किए जाने के बाद मंगलवार को राज्यसभा में हंगामा होने की वजह से कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. उच्च सदन में हंगामे के कारण आज भी शून्यकाल नहीं हो पाया. बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सीरिया और तुर्किए में सोमवार को आए 7.8 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि इस आपदा से दोनों देशों में भारी तबाही हुई है.
-
A massive earthquake, 7.8 magnitude on Richter Scale, ripped through Turkey&Syria on Feb 6, followed by a series of earthquakes causing huge devastation, loss of lives&damage to infrastructure in both countries. As reported in media, over 4000 people lost their lives: RS Chairman pic.twitter.com/12GaO6vaZv
— ANI (@ANI) February 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">A massive earthquake, 7.8 magnitude on Richter Scale, ripped through Turkey&Syria on Feb 6, followed by a series of earthquakes causing huge devastation, loss of lives&damage to infrastructure in both countries. As reported in media, over 4000 people lost their lives: RS Chairman pic.twitter.com/12GaO6vaZv
— ANI (@ANI) February 7, 2023A massive earthquake, 7.8 magnitude on Richter Scale, ripped through Turkey&Syria on Feb 6, followed by a series of earthquakes causing huge devastation, loss of lives&damage to infrastructure in both countries. As reported in media, over 4000 people lost their lives: RS Chairman pic.twitter.com/12GaO6vaZv
— ANI (@ANI) February 7, 2023
उन्होंने कहा कि विभिन्न देश सीरिया और तुर्किए के लिए मदद भेज रहे हैं और भारत ने भी दवाएं, चिकित्सा उपकरण तथा अन्य सहायता भेजी है. सभापति ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत दोनों देशों के प्रति एकजुटता दिखाता है. इसके बाद भूकंप से जान गंवाने वालों की याद में सदन में कुछ पलों का मौन रखा गया. तत्पश्चात सभापति ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए. फिर उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें कांग्रेस, वाम दलों, बीआरएस सहित विभिन्न दलों की ओर से 30 नोटिस मिले हैं जिनमें नियम 267 के तहत नियत कामकाज निलंबित कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है.
उन्होंने कहा कि पूर्व में दी गई व्यवस्थाओं के अनुरूप नहीं होने की वजह से उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किए. उन्होंने कहा कि सदस्य शून्यकाल के दौरान और फिर अन्य तरीकों से अपने-अपने मुद्दे उठा सकते हैं. सभापति के ऐसा कहने पर विभिन्न विपक्षी सदस्यों ने विरोध जताया और हंगामा शुरू हो गया. उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने के लिए कहा. आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने कुछ कहना चाहा जिस पर सभापति ने कहा कि हर बार उठ कर टिप्पणी करना संसदीय परंपरा नहीं है. उन्होंने सिंह से कहा कि वह उनकी बात सुनें.
धनखड़ ने सदस्यों से शांत रहने की अपील करते हुए कहा कि सदन में व्यवस्था होनी चाहिए, चर्चा होनी चाहिए, हंगामा नहीं. उन्होंने कहा कि यह बातें वह हर बार दोहराते हैं लेकिन इन पर ध्यान नहीं दिया जाता. हंगामा थमते न देख उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बज कर 12 मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. अडाणी समूह पर 'हिंडनबर्ग रिसर्च' की रिपोर्ट और शेयर बाजार में उससे जुड़े घटनाक्रम के मुद्दे पर जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने तथा इस मुद्दे पर संसद में चर्चा कराए जाने की विपक्ष की मांग को लेकर पिछले सप्ताह से सदन की कार्यवाही बाधित है.
ज्यादातर विपक्षी दल संसद की कार्यवाही में भाग लेने के लिए तैयार : इससे पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि आज हुई विपक्षी दलों की बैठक में ज्यादातर पार्टियों ने फैसला किया कि वे संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे. साथ ही 'अडाणी महाघोटाले' की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग उठाते रहेंगे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के, संसद भवन स्थित कक्ष में 15 दलों के नेताओं ने बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा की. बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि ज्यादातर विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि वे संसद की कार्यवाही में भाग लेंगे और अडाणी महाघोटाले की जांच के लिए जेपीसी की मांग उठाते रहेंगे.
-
आज के दिन की रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दल सुबह 10 बजे बैठक करेंगे।विपक्ष को PM से जुड़े अडानी महाघोटाले के लिए JPC की मांग रखने की अनुमति तक नहीं देने के कारण बने गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है।विपक्ष चाहता है कि संसद चले लेकिन मोदी सरकार डरी हुई है!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">आज के दिन की रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दल सुबह 10 बजे बैठक करेंगे।विपक्ष को PM से जुड़े अडानी महाघोटाले के लिए JPC की मांग रखने की अनुमति तक नहीं देने के कारण बने गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है।विपक्ष चाहता है कि संसद चले लेकिन मोदी सरकार डरी हुई है!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 7, 2023आज के दिन की रणनीति तय करने के लिए विपक्षी दल सुबह 10 बजे बैठक करेंगे।विपक्ष को PM से जुड़े अडानी महाघोटाले के लिए JPC की मांग रखने की अनुमति तक नहीं देने के कारण बने गतिरोध को तोड़ने के लिए सरकार ने कोई प्रयास नहीं किया है।विपक्ष चाहता है कि संसद चले लेकिन मोदी सरकार डरी हुई है!
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) February 7, 2023
इससे पहले रमेश ने आरोप लगाया था कि सरकार ने संसद में मौजूदा गतिरोध को खत्म करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया. उन्होंने ने यह भी कहा था कि विपक्ष चाहता है कि संसद चले, लेकिन मोदी सरकार डरी हुई है. दरअसल, सोमवार को ही ऐसे संकेत मिले थे कि संसद के दोनों सदनों में पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा गतिरोध मंगलवार को खत्म हो सकता है तथा राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो सकती है क्योंकि सरकार ने सोमवार को विपक्ष के साथ संपर्क साधा था.
संसद में विपक्ष द्वारा अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग पर जोर दिए जाने के कारण जारी गतिरोध सोमवार को भी कायम रहा और दोनों सदनों की बैठक को एक बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया. पिछले सप्ताह गुरुवार और शुक्रवार को भी इसी मुद्दे को लेकर दोनों सदनों में गतिरोध बना रहा था. संसद का बजट सत्र गत मंगलवार, 31 जनवरी को शुरू हुआ था और उस रोज दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ था. एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2023-24 का आम बजट पेश किया था.
पढ़ें : Opposition Unity in Parliament : 'विपक्ष की एकजुटता पर अभी बोलना जल्दबाजी'
इससे पहले सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सदन के अंदर हंगामा और नारेबाजी करने वाले कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके सहित कई अन्य दलों के नेताओं के साथ बैठक कर उन्हें यह कहते हुए मनाने की कोशिश कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर, इसे पारित करना संसदीय परंपरा का अंग और संसद की जिम्मेदारी है. उच्चस्तरीय सूत्र की माने तो बैठक में मौजूद विपक्षी नेता भी जोशी की बात से सहमत दिखाई दिए. ज्यादातर विपक्षी दल, सदन में चर्चा करने और चर्चा के दौरान अडानी मसले पर अपनी बात रखने के लिए तैयार हैं क्योंकि इन दलों का यह लगता है कि एक आदिवासी महिला राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर संसद में चर्चा नहीं होने देने का गलत मैसेज देश की आम जनता खासकर आदिवासी समुदाय में जा सकता है.
ऐसे में विपक्ष के कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से सरकार को इस तरह के संकेत मिले है कि वो मंगलवार से संसद की कार्यवाही को चलने देने के लिए तैयार है, यानी संसद के अंदर पिछले कई दिनों से जारी गतिरोध के मंगलवार को खत्म होने की प्रबल संभावना नजर आ रही है. दरअसल, विपक्षी दल हिंडनबर्ग और अडानी समूह की जांच के लिए जेपीसी का गठन करने या फिर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच करवाने की मांग कर रहे हैं. पिछले सप्ताह, गुरुवार और शुक्रवार को भी अडानी के मसले पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सदन में कोई कामकाज नहीं हो पाया था. हंगामे के कारण सोमवार, को लगातार तीसरे दिन भी संसद में कोई कामकाज नहीं हो पाया.
पढ़ें : Parliament Budget Session 2023: हंगामे के चलते दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
(एजेंसियां)