ETV Bharat / bharat

नागालैंड : बच्चों को स्कूल भेजे जाने पर दुविधा में मां-बाप

नागालैंड के स्कूल शिक्षा के प्रधान निदेशक शनवास सी ने मंगलवार को कहा कि राज्य में समावेशी शिक्षा सामाजिक भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रही है. जिसमें विशेष जरूरतों वाले बच्चों के माता-पिता की अपने बच्चों का स्कूल ना भेजे जाने अनिच्छा शामिल है. पढ़ें पूरी खबर...

author img

By

Published : Oct 26, 2021, 10:16 PM IST

विशेष आवश्यकता वाले बच्चें
विशेष आवश्यकता वाले बच्चें

कोहिमा : नागालैंड के स्कूल शिक्षा के प्रधान निदेशक शनवास सी (Nagaland's School Education Principal Director Shanavas C) ने मंगलवार को कहा कि राज्य में समावेशी शिक्षा सामाजिक भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रही है. इन चुनौतियों में विशेष जरूरतों वाले बच्चों (Children with special needs - CWSN) के माता-पिता की अपने बच्चों का स्कूल ना भेजे जाने अनिच्छा शामिल है.

वरिष्ठ अधिकारी ने यहां एक कार्यशाला में बताया कि सर्वेक्षण के दौरान लोग अपने बच्चों को CWSN के रूप में पहचाने जाने के बारे में भी हतोत्साहित हैं. समावेशी शिक्षा पर कार्यशाला में समावेश की दिशा में एक कदम बोलते हुए, शनवास ने कहा कि एक कार्यशाला आयोजित करना जमीन पर इसे लागू करने की तुलना में आसान है.

पूर्वोत्तर राज्य में समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को सूचीबद्ध करते हुए, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेष स्कूल मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे इससे अछूते रहते हैं. नगालैंड में, यह केवल चुनावों के दौरान एक अभ्यास है. शनवास ने कहा कि विकलांग लोगों (People with disabilities - PwDs) का जो डेटा संकलित किया जाता है वो कई बार गलत भी होता है.

पढ़ें : कर्नाटक : आज से खुले पहली से पांचवीं क्लास तक के स्कूल, दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य

शनवास ने कहा कि राज्य में समावेशी शिक्षा को लागू करने में मुख्य बाधा CWSN के माता-पिता के बीच प्रोत्साहन की कमी है, जिसके लिए सरकारी विभागों के बीच अभिसरण होना चाहिए और समावेशी शिक्षा को सफल बनाने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए हितधारकों की भागीदारी होनी चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

कोहिमा : नागालैंड के स्कूल शिक्षा के प्रधान निदेशक शनवास सी (Nagaland's School Education Principal Director Shanavas C) ने मंगलवार को कहा कि राज्य में समावेशी शिक्षा सामाजिक भेदभाव के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रही है. इन चुनौतियों में विशेष जरूरतों वाले बच्चों (Children with special needs - CWSN) के माता-पिता की अपने बच्चों का स्कूल ना भेजे जाने अनिच्छा शामिल है.

वरिष्ठ अधिकारी ने यहां एक कार्यशाला में बताया कि सर्वेक्षण के दौरान लोग अपने बच्चों को CWSN के रूप में पहचाने जाने के बारे में भी हतोत्साहित हैं. समावेशी शिक्षा पर कार्यशाला में समावेश की दिशा में एक कदम बोलते हुए, शनवास ने कहा कि एक कार्यशाला आयोजित करना जमीन पर इसे लागू करने की तुलना में आसान है.

पूर्वोत्तर राज्य में समावेशी शिक्षा के क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को सूचीबद्ध करते हुए, वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विशेष स्कूल मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में केंद्रित हैं और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चे इससे अछूते रहते हैं. नगालैंड में, यह केवल चुनावों के दौरान एक अभ्यास है. शनवास ने कहा कि विकलांग लोगों (People with disabilities - PwDs) का जो डेटा संकलित किया जाता है वो कई बार गलत भी होता है.

पढ़ें : कर्नाटक : आज से खुले पहली से पांचवीं क्लास तक के स्कूल, दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य

शनवास ने कहा कि राज्य में समावेशी शिक्षा को लागू करने में मुख्य बाधा CWSN के माता-पिता के बीच प्रोत्साहन की कमी है, जिसके लिए सरकारी विभागों के बीच अभिसरण होना चाहिए और समावेशी शिक्षा को सफल बनाने के लिए जागरूकता पैदा करने के लिए हितधारकों की भागीदारी होनी चाहिए.

(पीटीआई-भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.