भोपाल। पन्ना की महारानी जितेश्वरी देवी को जुगलकिशोर मंदिर से बाहर क्यों किया गया. उन्होंने कौन सी परंपरा तोड़ी थी, मंदिर की मर्यादा कैसे भंग हो गई. इस मामले में ईटीवी भारत ने मंदिर के महंत परिवार के पंडित देवी प्रसाद दीक्षित से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि "महारानी जितेश्वरी देवी ने मंदिर के उस हिस्से में प्रवेश कर लिया था, जहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है. दूसरी बात वे स्त्री हैं, उस पर विधवा हैं. जुगल किशोर जी की चंवर किसी भी हालत में विधवा नहीं डुला सकती, इसलिए भी उन्हें बाहर किया गया. पंडित देवी प्रसाद दीक्षित का कहा है कि महारानी जितेश्वरी ने वो कर दिया, जो तीन सौ साल पुराने इस मंदिर के इतिहास में कभी नहीं हुआ. उधर जितेश्वरी देवी की जमानत खारिज हो गई है. जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है. जितेश्वरी देवी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि मैंने शराब नहीं पी, सिर्फ मुझे बदनाम करने की साजिश की जा रही है. अगर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची तो क्षमा मांग लेती हूं."
महारानी ने कैसे मंदिर की मर्यादा तोड़ी: पंडित देवीप्रसाद दीक्षित जुगल किशोर मंदिर के महंत परिवार से हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने बताया कि ये परंपरा और मर्यादा की बात है मंदिर के जिस हिस्से में महारानी आ गई वहां तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी नहीं आए. वो भी मर्यादा से अपनी जगह पर खड़े रहे. वहां सिवाय पुजारी के किसी को भी रहने की इजाजत नहीं है. उस पर महारानी विधवा हैं. वो किसी हालत में चंवर नहीं डुला सकती भगवान का. चंवर विधवा महिला को नहीं दी जा सकती. क्यों नहीं दी जा सकती ईटीवी भारत के इस सवाल पर उन्होंने कहा कि क्योकि वो सौभाग्यवती नहीं हैं. पंडित दीक्षित कहते हैं, जब उन्होंने आरती को छुआ तो उन्हें झटका भी लगा, ये आपने वीडियो में देखा होगा. उनका सबसे बड़ा अपराध ये है कि उन्होंने मंदिर की मर्यादा भंग कर दी. वो कर दिया जो 300 साल के इतिहास में इस मंदिर में नहीं हुआ. हजारिया आरती जो विशेष मौके पर की जाती है, उसे छुआ उन्होंने. अब ये मामला बढ़ेगा, हम धर्म सभा बुलाएंगे. निंदा प्रस्ताव पारित करेंगे. थाने में तो धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की शिकायत हमने दर्ज कर ही दी है. पंडित दीक्षित ने कहा कि महारानी शराब पीए हुए थी."
महारानी बोलीं, शराब पी तो रात को ही चैक करते: महारानी जितेश्वरी की जमानत खारिज हो गई और उन्हें जेल भेज दिया गया है. जेल जाते समय उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि "अगर उन्होंने मर्यादा तोड़ी है, तो क्षमा मांग लेंगी ये कोई इतना बड़ा मामला नहीं है. जब उनसे कहा गया कि उन पर आरोप है कि उन्होंने शराब पी हुई थी. इस पर महारानी जितेश्वरी ने कहा कि शराब पी थी तो उसी समय रात को चैक करते. ये केवल बदनाम करने के लिए है. जितेश्वरी देवी को रात 12 बजे ही मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था, उन पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए धारा 295 और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने के लिए धारा 353 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
ये भी पढ़ें... |
-
पन्ना में विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जू सरकार के मंदिर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हो रही जन्म आरती के समय पन्ना राज परिवार की सदस्या श्रीमती जीतेश्वरी कुमारी ने जुगल किशोर जू सरकार का अपमान करने का घृषित कार्य किया है। pic.twitter.com/w1frMCicyB
— VD Sharma (@vdsharmabjp) September 8, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">पन्ना में विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जू सरकार के मंदिर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हो रही जन्म आरती के समय पन्ना राज परिवार की सदस्या श्रीमती जीतेश्वरी कुमारी ने जुगल किशोर जू सरकार का अपमान करने का घृषित कार्य किया है। pic.twitter.com/w1frMCicyB
— VD Sharma (@vdsharmabjp) September 8, 2023पन्ना में विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जू सरकार के मंदिर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हो रही जन्म आरती के समय पन्ना राज परिवार की सदस्या श्रीमती जीतेश्वरी कुमारी ने जुगल किशोर जू सरकार का अपमान करने का घृषित कार्य किया है। pic.twitter.com/w1frMCicyB
— VD Sharma (@vdsharmabjp) September 8, 2023
महारानी मंदिर विवाद में वीडी शर्मा की भी एंट्री: पन्ना में महारानी जितेश्वरी और मंदिर प्रबंधन के विवाद में अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की भी एंट्री हो गई है. उन्होंने इस मामले में ट्वीट किया है और कहा है कि "विश्व प्रसिद्ध भगवान श्री जुगल किशोर जू सरकार के मंदिर में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हो रही जन्म आरती के समय पन्ना राज परिवार की सदस्या जितेश्वरी कुमारी ने जुगल किशोर जू सरकार का अपमान करने का घृणित कार्य किया. भगवान जुगल किशोर जू सरकार मंदिर में राज परिवार की सदस्या के इस दुर्व्यवहार से केवल पन्ना नहीं बल्कि बुंदेलखण्ड की प्रतिष्ठा को भी आघात लगा है. यह न सिर्फ लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का अपमान है, बल्कि सनातन संस्कृति का भी अपमान है.