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पंचायत ने भाइयों पर ढाया कहर, पुलिस प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

राजस्थान के बाड़मेर जिले में दो भाइयों पर सामुदायिक पंचायत द्वारा भारी जुर्माना लगाया गया है.

पंचायत
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Published : Aug 13, 2021, 8:17 PM IST

जयपुर : राजस्थान के बाड़मेर जिले में दो भाइयों ने आरोप लगाया कि एक सामुदायिक पंचायत ने उनपर 34 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया और जब उन्होंने जुर्माना राशि नहीं चुकाई तो उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया.

आरोप है कि पंचायत ने दोनों भाइयों पर जुर्माना उनके चचरे भाई की बेटी द्वारा कुछ समय पूर्व कथित प्रेम विवाह करने पर लगाया है. पंचायत सदस्यों का मामना है कि उन्होंने (दोनों भाइयों) प्रेम विवाह में मदद की है.

पुलिस ने बताया कि खंगार सिंह राजपुरोहित और उसके भाई ने सिवाना थाने में बृहस्पतिवार को मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सामुदायिक पंचायत ने प्रत्येक पर 17-17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जब वे राशि नहीं चुका पाये.

सिवाना थानाधिकारी प्रेमाराम ने बताया कि पांच नामजद और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. वहीं राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए बाड़मेर के जिलाधिकारी को 31 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

इसे भी पढ़ें : केरल में नुलझुपा जनजातीय पंचायत ने हासिल की पूर्ण टीकाकरण की उपलब्धि

आयोग के अध्यक्ष जी के व्यास ने शुक्रवार को आदेश जारी किये.

(पीटीआई-भाषा)

जयपुर : राजस्थान के बाड़मेर जिले में दो भाइयों ने आरोप लगाया कि एक सामुदायिक पंचायत ने उनपर 34 लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया और जब उन्होंने जुर्माना राशि नहीं चुकाई तो उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया.

आरोप है कि पंचायत ने दोनों भाइयों पर जुर्माना उनके चचरे भाई की बेटी द्वारा कुछ समय पूर्व कथित प्रेम विवाह करने पर लगाया है. पंचायत सदस्यों का मामना है कि उन्होंने (दोनों भाइयों) प्रेम विवाह में मदद की है.

पुलिस ने बताया कि खंगार सिंह राजपुरोहित और उसके भाई ने सिवाना थाने में बृहस्पतिवार को मामला दर्ज करवाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी सामुदायिक पंचायत ने प्रत्येक पर 17-17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया और उनका सामाजिक बहिष्कार कर दिया जब वे राशि नहीं चुका पाये.

सिवाना थानाधिकारी प्रेमाराम ने बताया कि पांच नामजद और पांच अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. वहीं राज्य मानवाधिकार आयोग ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए बाड़मेर के जिलाधिकारी को 31 अगस्त तक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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आयोग के अध्यक्ष जी के व्यास ने शुक्रवार को आदेश जारी किये.

(पीटीआई-भाषा)

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