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राजस्थान: पाली में पानी पुहंचाने आती है वाटर ट्रेन

राजस्थान में भारी जल संकट का समाधान के लिए पाली प्रशासन रोजाना 4 वाटर ट्रेन मंगा रही है. नागरिकों का कहना है बजाय वाटर ट्रेन के सरकार पानी की नई पाइप लाइन बिछाकर स्थायी समाधान कर सकती है.

वाटर ट्रेन
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Published : May 20, 2022, 11:04 AM IST

पाली (राजस्थान) : राजस्थान में भीषण जल संकट के बीच पाली प्रशासन ने वाटर ट्रेनों का इंतजाम किया है.स्थानीय लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए नगर प्रशासन ने इसकी पहल की. हालांकि शहर के लोगों का दावा है कि वे पिछले 3-4 महीनों से पानी के संकट से जुझ रहे हैं. क्योंकि समय पर पानी की आपूर्ति नहीं होती है इसलिए पानी की ट्रेनें उनके लिए राहत की तरह आई हैं. एक निजी स्कूल के शिक्षक शांता ने कहा कि शहर प्रशासन द्वारा पानी की ट्रेनों को मंगाए जाने के बाद भी लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पानी लाने और इसे घरों तक पुहंचाने में अच्छा खासा समय लगता है.

हर 15 दिनों में पानी की आपूर्ति की जा रही है और उपलब्धता के बारे में कोई निश्चितता नहीं है. हमें खाना बनाने के लिए भी पानी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है. शहर में पानी की कमी लगभग दो महीने से है, जहां कही हो रही वहां पानी काफी दूषित है. साथ ही कहा कि पानी की ट्रेनों की व्यवस्था की तर्ज पर एक नई पाइपलाइन निवासियों के लिए काफी मददगार सावित होती.

उन्होंने यह भी अफसोस जताया कि पार्षद (प्रसाद) निवासियों की पानी की समस्याओं को नहीं सुन रहे हैं. हालांकि एक अन्य स्थानीय अनिल ने दावा किया कि शहर के विधायक ज्ञानचंद पारख (जो 25 वर्षों से सेवा में हैं) शहर में जल संकट से निपटने के अपने वादे को पूरा करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचकर नियमित रूप से प्रयास कर रहे हैं. शहर में पानी की किल्लत से जुड़ी समस्याउन्होंने प्रशासन पर केवल अपनी जेब भरने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बताया गया है कि पाइपलाइन में 10-15 दिन और लगेंगे क्योंकि वे इसकी मरम्मत कर रहे हैं. इसका स्थायी समाधान एक नई पाइपलाइन के साथ हो सकता था. परंतु वे (प्रशासन) पानी की प्रति ट्रेन के लिए 4 लाख रुपये रोजाना खर्च कर रहे हैं. रोजाना चार ट्रेन आती है जिसका मतलब है रोजाना 16 लाख रुपये (प्रत्येक दिन 4 ट्रेनें चलती हैं) खर्च हो रहे हैं.

पाली (राजस्थान) : राजस्थान में भीषण जल संकट के बीच पाली प्रशासन ने वाटर ट्रेनों का इंतजाम किया है.स्थानीय लोगों को पानी की आपूर्ति के लिए नगर प्रशासन ने इसकी पहल की. हालांकि शहर के लोगों का दावा है कि वे पिछले 3-4 महीनों से पानी के संकट से जुझ रहे हैं. क्योंकि समय पर पानी की आपूर्ति नहीं होती है इसलिए पानी की ट्रेनें उनके लिए राहत की तरह आई हैं. एक निजी स्कूल के शिक्षक शांता ने कहा कि शहर प्रशासन द्वारा पानी की ट्रेनों को मंगाए जाने के बाद भी लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पानी लाने और इसे घरों तक पुहंचाने में अच्छा खासा समय लगता है.

हर 15 दिनों में पानी की आपूर्ति की जा रही है और उपलब्धता के बारे में कोई निश्चितता नहीं है. हमें खाना बनाने के लिए भी पानी का इंतजाम करना मुश्किल हो रहा है. शहर में पानी की कमी लगभग दो महीने से है, जहां कही हो रही वहां पानी काफी दूषित है. साथ ही कहा कि पानी की ट्रेनों की व्यवस्था की तर्ज पर एक नई पाइपलाइन निवासियों के लिए काफी मददगार सावित होती.

उन्होंने यह भी अफसोस जताया कि पार्षद (प्रसाद) निवासियों की पानी की समस्याओं को नहीं सुन रहे हैं. हालांकि एक अन्य स्थानीय अनिल ने दावा किया कि शहर के विधायक ज्ञानचंद पारख (जो 25 वर्षों से सेवा में हैं) शहर में जल संकट से निपटने के अपने वादे को पूरा करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचकर नियमित रूप से प्रयास कर रहे हैं. शहर में पानी की किल्लत से जुड़ी समस्याउन्होंने प्रशासन पर केवल अपनी जेब भरने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें बताया गया है कि पाइपलाइन में 10-15 दिन और लगेंगे क्योंकि वे इसकी मरम्मत कर रहे हैं. इसका स्थायी समाधान एक नई पाइपलाइन के साथ हो सकता था. परंतु वे (प्रशासन) पानी की प्रति ट्रेन के लिए 4 लाख रुपये रोजाना खर्च कर रहे हैं. रोजाना चार ट्रेन आती है जिसका मतलब है रोजाना 16 लाख रुपये (प्रत्येक दिन 4 ट्रेनें चलती हैं) खर्च हो रहे हैं.

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एएनआई

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