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पलामू के बच्चे केरल, बिहार और छत्तीसगढ़ में फंसे, सभी बाल तस्करी का हुए शिकार

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Published : Aug 23, 2022, 2:11 PM IST

पलामू के छह बच्चे केरल, बिहार और छत्तीसगढ़ राज्यों में फंस गए हैं. children entrapped in Kerala, Bihar and Chhattisgarh मानव तस्करों की ओर से फुसलाकर (human trafficker jharkhand) मजदूरी के लिए ले जाए गए थे. हालांकि इन्हें संबंधित राज्यों में रेस्क्यू कर लिया गया और वहां पर बाल गृह में रखा गया है.

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पलामू समाहरणालय

पलामूः पलामू के चार बच्चे केरल के एर्नाकुलम में, जबकि एक नाबालिग पटना में फंसा है. वहीं एक नाबालिग छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में फंसी है (children entrapped in Kerala, Bihar and Chhattisgarh ). सभी नाबालिक मानव तस्करी (Human trafficking)का शिकार हुए हैं.

केरल के एर्नाकुलम में फंसे चारों नाबालिग पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के केकरगढ़ के रहने वाले हैं. इन्हें तस्करी कर मजदूरी के लिए एर्नाकुलम ले जाया गया है. केकरगढ़ अति नक्सल प्रभावित इलाका रहा है. इसी इलाके से (पोस्ता) अफीम की खेती की शुरुआत हुई थी.

ये भी पढ़ें-Human Trafficking: नाबालिग का हरियाणा में हुआ सौदा, भागकर पहुंची सिमडेगा


दरअसल, पलामू के चारों नाबालिगों को एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने 25 जुलाई को रेस्क्यू किया था. बाद में इन्हें एर्नाकुलम के बाल गृह में रख दिया गया. पूरे मामले को लेकर वहां के प्रशासन ने पलामू सीडब्ल्यूसी और जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

पलामू जिला प्रशासन अब चारों बच्चों को पलामू लाने का प्रयास कर रहा है. पलामू जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि चारों बच्चों को लाने के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जल्द चारों बच्चों को पलामू लाया जाएगा.


एर्नाकुलम में फंसे चारों बच्चों को मानव तस्कर मजदूरी करवाने के लिए बहला फुसला कर अपने साथ ले गए थे, जबकि पटना में फंसा नाबालिग पलामू के पाटन थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वहीं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर फंसी नाबालिग पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली है.

पलामू के मनातू , पांकी, तरहसी समेत कई इलाके में मानव तस्कर सक्रिय हैं. इन इलाकों से बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी की जा रही है. इलाके से तस्करी कर बच्चों को राजस्थान ,दिल्ली ,हरियाणा और दक्षिण भारत के राज्यों में ले जाया जा रहा हैं. जहां से कई पीड़ित बरामद किए जा रहे हैं.

पलामूः पलामू के चार बच्चे केरल के एर्नाकुलम में, जबकि एक नाबालिग पटना में फंसा है. वहीं एक नाबालिग छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में फंसी है (children entrapped in Kerala, Bihar and Chhattisgarh ). सभी नाबालिक मानव तस्करी (Human trafficking)का शिकार हुए हैं.

केरल के एर्नाकुलम में फंसे चारों नाबालिग पलामू के पांकी थाना क्षेत्र के केकरगढ़ के रहने वाले हैं. इन्हें तस्करी कर मजदूरी के लिए एर्नाकुलम ले जाया गया है. केकरगढ़ अति नक्सल प्रभावित इलाका रहा है. इसी इलाके से (पोस्ता) अफीम की खेती की शुरुआत हुई थी.

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दरअसल, पलामू के चारों नाबालिगों को एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने 25 जुलाई को रेस्क्यू किया था. बाद में इन्हें एर्नाकुलम के बाल गृह में रख दिया गया. पूरे मामले को लेकर वहां के प्रशासन ने पलामू सीडब्ल्यूसी और जिला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क किया है.

क्या कहते हैं पदाधिकारी

पलामू जिला प्रशासन अब चारों बच्चों को पलामू लाने का प्रयास कर रहा है. पलामू जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि चारों बच्चों को लाने के लिए वरीय अधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जल्द चारों बच्चों को पलामू लाया जाएगा.


एर्नाकुलम में फंसे चारों बच्चों को मानव तस्कर मजदूरी करवाने के लिए बहला फुसला कर अपने साथ ले गए थे, जबकि पटना में फंसा नाबालिग पलामू के पाटन थाना क्षेत्र का रहने वाला है. वहीं छत्तीसगढ़ के बलरामपुर फंसी नाबालिग पलामू के रामगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली है.

पलामू के मनातू , पांकी, तरहसी समेत कई इलाके में मानव तस्कर सक्रिय हैं. इन इलाकों से बड़े पैमाने पर बच्चों की तस्करी की जा रही है. इलाके से तस्करी कर बच्चों को राजस्थान ,दिल्ली ,हरियाणा और दक्षिण भारत के राज्यों में ले जाया जा रहा हैं. जहां से कई पीड़ित बरामद किए जा रहे हैं.

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