मैसुरु : कर्नाटक के मैसुरु शहर में मनाये जाने वाले वार्षिक दशहरा एवं नवरात्रि उत्सव के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. दस दिनों तक चलने वाले इस उत्सव के लिए मैसूर पैलेस समेत कई महत्वपूर्ण स्थानों को सजाया गया है.
मैसुरु दशहरा को 'नदा हब्बा' (राज्य उत्सव) के नाम से जाना जाता है. यह उत्सव 10 दिवसीय त्योहार है, जिसका समापन विजयदशमी के दिन होता है. इस दौरान बड़े पैमाने पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. कोविड-19 महामारी के कारण बीते दो वर्षों से यह उत्सव अपेक्षाकृत कम बड़े आयोजनों के साथ मनाया जा रहा था, लेकिन महामारी का प्रकोप कम होने के परिणामस्वरूप इस बार यह उत्सव पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाएगा.
यह उत्सव इस साल एक भव्य समारोह के रूप में मनाया जाएगा, जिसमें कर्नाटक की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं को दर्शाया जाएगा. मैसुरु में इस उत्सव की शुरुआत सन 1610 में हुई थी. दशहरा को इस क्षेत्र के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है, शाही संरक्षण के तहत यह जनता और मैसुरु वंश के त्योहार के रूप में विकसित हुआ.
भारत के स्वतंत्र होने और एक गणराज्य बनने के बाद से इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए कर्नाटक सरकार के सहयोग से इस उत्सव को मनाया जाता है. इस दशहरा उत्सव की शुरुआत विजयनगर साम्राज्य के शासकों ने की थी. इस त्योहार ने विजयनगर साम्राज्य में एक ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी.
राष्ट्रपति करेंगी उद्घाटन : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) 26 सितंबर को यहां चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर परिसर में सुबह नौ बजकर 45 मिनट से 10 बजकर पांच मिनट तक शुभ 'वृश्चिक लग्न' के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मैसुरु राज परिवार की अधिष्ठात्री देवी चामुंडेश्वरी की मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर इस उत्सव का उद्घाटन करेंगी.
मुर्मू मैसुरु दशहरा उत्सव में हिस्सा लेने वाली देश की पहली राष्ट्रपति होंगी. इस अवसर पर उनके साथ कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के अलावा अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद होंगे.
इमारतों को किया जाएगा रोशन : नवरात्रि के इन शुभ दिनों के दौरान विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसके दौरान मैसूर के महल, प्रमुख सड़कों या मंडलों और इमारतों को रोशन किया जाएगा, जिसे प्यार से 'दीपलंकारा' कहा जाता है. कुल मिलाकर इस वर्ष दशहरा के दौरान आठ स्थानों - अम्बा विलास पैलेस, जगनमोहन पैलेस, कलामंदिर, गणभारती, नादब्रह्म संगीत सभा, किरुरंगमंदिर, चिक्कागड़ियारा और टाउन हॉल में लगभग 290 सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
साथ ही लोगों को आकर्षित करने वाले दर्जनों कार्यक्रम जैसे- भोजन मेला, फूल शो, सांस्कृतिक कार्यक्रम, किसान दशहरा, महिला दशहरा, युवा दशहरा, बच्चों का दशहरा, काव्य पाठ भी आयोजित किया जाता है. हालांकि, प्रबुद्ध अंबाविलास महल के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम मुख्य आकर्षण होगा, क्योंकि यह राज्य और राष्ट्रीय दोनों स्तरों के प्रशंसित कलाकारों के प्रदर्शन का मुख्य स्थल होगा. यह वही स्थान है जहां मुख्यमंत्री प्रतिष्ठित राज्य संगीत विद्या पुरस्कार प्रदान करेंगे.
इन आयोजनों के अलावा, प्रसिद्ध दशहरा जुलूस (जंबो सवारी), टॉर्च लाइट परेड, और मैसूरु दशहरा प्रदर्शनी ऐसे हैं जो दस दिनों के दौरान शहर को एक प्रकार के कार्निवल में बदल कर बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करते हैं.
पढ़ें- राष्ट्रपति मुर्मू का तीन दिवसीय कर्नाटक दौरा सोमवार से