ऋषिकेश: सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब में मत्था टेकने के बाद पाकिस्तान के 90 तीर्थयात्रियों का जत्था वापस लौट गया है. ऋषिकेश पहुंचे तीर्थयात्रियों ने बताया कि गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब (Gurudwara Shri Hemkund Sahib) के दर्शन बहुत अच्छे हुए हैं. भारत सरकार ने उनकी हर संभव मदद की है. उन्हें किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हुई.
दरअसल, पाकिस्तान से 90 सिख श्रद्धालुओं का जत्था (Pakistani Sikh Pilgrims) गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब दर्शन करने गया था. जो अब दर्शन कर वापस लौट गए हैं. वापसी में ऋषिकेश के लक्ष्मण झूला रोड स्थित गुरुद्वारा पहुंचे पाकिस्तान के श्रद्धालुओं ने बताया कि वो पहली बार पाकिस्तान से हिंदुस्तान में हेमकुंड साहिब के दर्शन करने के लिए पहुंचे हैं. इसके अलावा कई गुरुद्वारों के दर्शन भी उन्होंने किए हैं.
उन्होंने बताया कि हेमकुंड साहिब दर्शनों के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से हर संभव मदद मिली है. बॉर्डर पार करने के बाद से लगातार सरकार उन्हें हर सुविधा मुहैया कराने के प्रयास में लगी है. इसके लिए वो भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. अपने मुल्क में वह भाईचारे के साथ रह रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि जो आदर सत्कार हिंदुस्तान में भारत सरकार और सिख कम्युनिटी की ओर से उन्हें दिया गया है, इसे वो ताउम्र याद रखेंगे. ननकाना साहिब पाकिस्तान (Nankana Sahib Pakistan) के जत्थेदार गुरजीत सिंह ने बताया कि गुरु धामों के दर्शन कर सभी श्रद्धालुओं को काफी सुकून मिला है. वो दोबारा मौका मिलने पर फिर हिंदुस्तान आकर गुरु धामों के दर्शन करना चाहेंगे.
गौर हो कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर है, जो हेमकुंड साहिब की बर्फीली वादियों व हेमकुंड झील के तट पर बसा लक्ष्मण मंदिर है, जो लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.