जयपुर : राजस्थान इंटेलिजेंस टीम (rajasthan intelligence team action) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. इंटेलिजेंस ने आईएसआई के स्थानीय एजेंट (ISI Agent Arrested) जैसलमेर निवासी निबाब खां को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार (pakistani informer arrest) किया है. आरोपी लंबे समय से आईएसआई के स्थानीय एजेंट के रूप में काम कर रहा था. आरोपी पाकिस्तान भी जाकर आया था. आरोपी मोबाइल और फोटो स्टेट की दुकान की आड़ में सैन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करके अपने हैंडलर को उपलब्ध करवा रहा था.
राजस्थान इंटेलिजेंस ने खुलासा किया (rajasthan intelligence team action) है कि आरोपी जासूस पाक हैंडलर से हवाला नेटवर्क (pak informer getting money through hawala) के जरिए धनराशि भी ले रहा था. आरोपी के मोबाइल फोन से कई अहम जानकारियां मिली हैं. आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.
जासूस निबाब खां की निशानदेही पर सुरक्षा एजेंसियों ने जासूसी के आरोप में फतन खान (pak Spy fatan khan Detained) नाम के एक और व्यक्ति को डिटेन किया है. लंबे समय से आईएसआई के एजेंट के रूप में ये दोनों काम कर रहे थे. आरोपी फतन खान टायर-ट्यूब की दुकान चलाता है और उस पर भी पाक के लिए जासूसी करने का आरोप है. दोनों से पूछताछ की जा रही है.
राजस्थान इंटेलिजेंस ने खुलासा किया (rajasthan intelligence team action) है कि आरोपी जासूस पाक हैंडलर से हवाला नेटवर्क (pak informer getting money through hawala) के जरिए धनराशि भी ले रहा था. आरोपी के मोबाइल फोन से कई अहम जानकारियां मिली हैं. आरोपी के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है.
राजस्थान इंटेलिजेंस के महानिदेशक उमेश मिश्रा के मुताबिक जैसलमेर निवासी निबाब खां पिछले लंबे समय से आईएसआई के स्थानीय एजेंट (ISI Agent Arrest) के रूप में कार्य कर रहा था. वर्ष 2015 में आरोपी पाकिस्तान यात्रा पर गया था. पाकिस्तान में आईएसआई के संपर्क में आने और आईएसआई के लिए जासूसी करने के लिए 15 दिन का प्रशिक्षण देकर 10 हजार रुपये धनराशि भी दी गई थी. भारत वापसी पर आरोपी निबाब खां ने जासूसी का काम शुरू भी कर दिया था. आरोपी सैन्य गतिविधियों की सूचना सोशल मीडिया के माध्यम से भेज रहा था. इसके बाद भी आरोपी दो से तीन बार पाकिस्तान जाकर आया था.
आरोपी जैसलमेर के चांदन मुख्य राजमार्ग पर मोबाइल फोन और फोटो स्टेट की दुकान चला रहा था. दुकान की आड़ में स्थानीय सैन्य गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर अपने हैंडलर को उपलब्ध करवाता था. दुकान पर आने वाले ग्राहकों के दस्तावेज पर मोबाइल सिम जारी कर ओटीपी अपने हैंडलर को उपलब्ध करवाता था.
इससे पाक हैंडलर इन भारतीय नंबरों का उपयोग सोशल मीडिया अकाउंट संचालन कर सैन्य कर्मियों और नागरिकों को जासूसी के लिए फंसाने के उपयोग में लेते थे. पाक हैंडलर की ओर से आरोपी निबाब खान को हवाला नेटवर्क के जरिए भारी धनराशि का भुगतान किया जा रहा था. आरोपी पर इंटेलिजेंस की ओर से निगरानी रखी जा रही थी. सभी तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी से पूछताछ की गई. आरोपी के मोबाइल फोन में सामरिक महत्व के अहम दस्तावेज भी मिले हैं.