लखनऊ : 5 अगस्त 2020 के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अपनी पूरी ताकत उत्तर प्रदेश में झोंक दी थी. सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए उसने उत्तर प्रदेश खासकर अयोध्या के करीबी जिले गोंडा के युवाओं को पैसा और खूबसूरत लड़कियों का झांसा देकर अपना एजेंट बनाने का मिशन शुरू किया. आईएसआई ने अयोध्या से 40 किलोमीटर दूर गोंडा जिले में अपना नेटवर्क किस कदर मजबूत बना लिया है वह इस बात से पता चलता है कि बीते 15 दिनों पांच आईएसआई एजेंट गिरफ्तार किए जा चुके हैं और करीब एक दर्जन अब भी सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के सामने यह जानना चुनौती बन गया है, कि आखिर आईएसआई उत्तर प्रदेश से ऐसी कौन सी जानकारी निकालना चाहता है, जिसके लिए उसने अयोध्या के करीबी जिलों को अपने टारगेट पर ले रखा है.
आईएसआई के संपर्क में हैं यूपी लगभग 25 युवा : सूत्रों के मुताबिक, यूपी एटीएस ने रईस से पूछताछ की तो सामने आया कि 'आईएसआई के हैंडल उत्तर प्रदेश के युवाओं को पैसा और लड़कियों देने का वादा करती है और फिर कई युवाओं को आईएसआई से जोड़ने का मिशन देती थी.' सूत्रों के मुताबिक, गोंडा व उसके आस पास के जिलों में अब तक लगभग 25 आईएसआई एजेंट तैयार कर लिए गए हैं व उनसे गोपनीय जानकारी और तस्वीरें मंगवाई जा रही हैं. रईस को मुंबई के अरमान ने आईएसआई के हैंडल से संपर्क कराया था. सूत्रों के मुताबिक, रईस ने एटीएस की पूछताछ में खुद कबूल किया है कि, उसने 10 से अधिक लड़कों को आईएसआई से जोड़ा है. आईएसआई के लिए न सिर्फ रईस बल्कि उसके जैसे दर्जनों मुस्लिम लड़के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं और पाकिस्तान को जानकारियां भेज रहे हैं.
अब सवाल उठता है कि आखिर आईएसआई ने गोंडा में इतने बड़े स्तर पर अपने एजेंट क्यों तैयार किए हैं. सूत्रों के मुताबिक, इसका जवाब भी गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट्स से पूछताछ के दौरान यूपी एटीएस को मिला है. पूछताछ में रईस और अरमान ने एजेंसी को बताया है कि, 'अभी उनसे फिलहाल झांसी के बबीना स्थित सैन्य छावनी की तस्वीर मांगी गई थी, जिसके लिए उन्होंने वहां जाकर फोटो खींच कर भेजा था, लेकिन आईएसआई का असली मकसद गोंडा से 40 किलोमीटर दूर स्थित अयोध्या की हर हलचल की जानकारी लेना था. इसके लिए उनसे आईएसआई के आका अयोध्या से जुड़ी हर जानकारियां मांगते थे. जैसे अयोध्या जाने वाले सभी मार्गों की जानकारी, रेलगाड़ियों के नाम, वहां होने वाली सभी एक्टिविटी की जानकारियां आईएसआई के हैंडलर रईस व उसके साथियों से ले रहे थे.'
हर जानकारी चाहता है ISI : सूत्रों के मुताबिक, गोंडा से गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट रईस, अरमान, सलमान और मुकीम के मोबाइल से अयोध्या के कई स्थानों, राम जन्मभूमि के द्वार और मार्गों की तस्वीरें मिली हैं. इसके अलावा गूगल मैप की हिस्ट्री में भी अयोध्या की कई बार की लोकेशन हिस्ट्री मिली है. रईस और सलमान ने एटीएस को जानकारी दी कि, 'हमसे कहा गया था कि, मार्च 2024 तक उन्हें अयोध्या में होने वाली सभी गतिविधियों की जानकारी पाकिस्तान को पहुंचानी होगी, इसके लिए दोगुने पैसे दिए जायेंगे.' सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई जनवरी 2024 को होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन से पहले वहां होने वाली हर जानकारियां जुटना चाह रहा है, जिसके लिए उसने पास के जिले गोंडा में एजेंट्स की भर्ती की है.
पहले भी अयोध्या के करीबी जिले को आतंकी बना चुके अड्डा : ये पहली बार नहीं है जब अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश आने के बाद आतंकी संगठनों ने अयोध्या या उसके आस पास में अपनी गतिविधियां बढ़ाई हों. तीन वर्ष पहले 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राम मंदिर के लिए प्रधानमंत्री ने भूमि पूजन किया था. इसके करीब 17 दिन बाद 22 अगस्त को अयोध्या से 90 किलोमीटर दूर बलरामपुर जिले में आतंक की फैक्ट्री खोले आतंकी मुहम्मद मुस्तकीम को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. मुस्तकीम ने बलरामपुर के उतरौला स्थित अपने घर में आतंक की फैक्ट्री खोल कर रखी थी. बम बनाने के सभी उपकरण और विस्फोटक सामग्री मुस्तकीम के घर से बरामद हुए थे. इतना ही नहीं उसने एक बार बम का डेमो भी घर के पास कब्रिस्तान में किया था. कयास लगाए जा रहे थे कि आतंकी संगठन ने जानबूझ कर अयोध्या के करीब के इस जिले को चुना था.