अमृतसर : पंजाब के अमृसर में अटारी-वाघा बॉर्डर पर दो दिसंबर को एक पाकिस्तानी महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, जिसके बाद बच्चे का नाम बॉर्डर रखा गया. दरअसल, पाकिस्तान जाने के लिए कई परिवार अटारी वाघा बॉर्डर पर पिछले ढाई महीने से फंसे हुए हैं. इनको पाकिस्तान जाने की इजाजत नहीं मिल रही है.
बच्चे का परिवार कोरोना वायरस महामारी से पहले पाकिस्तान से भारत में तीर्थ स्थानों के दर्शन करने के लिए आया था, लेकिन कोरोना लॉकडाउन के कारण यहीं पर फंस गया था.
ईटीवी भारत से बात करते हुए बच्चे के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने बच्चे का नाम 'बॉर्डर' इसलिए रखा, क्योंकि यह बॉर्डर पर पैदा हुआ है. कल को जब बड़ा होगा तो यह जानकर उसे बहुत खुशी होगी. उन्होंने कहा कि इससे बच्चे को पता लगेगा कि वह कितनी तकलीफ में पैदा हुआ था.
उनका कहना कि जब हम पाकिस्तान से भारत घूमने के लिए आए थे तो इस दौरान जोधपुर में हमारी एक बच्ची ने जन्म दिया, जिसका नाम हमने भारतीय रखा है, क्योंकि वह भारत में ही हुई थी.
केंद्र सरकार से अपील
पाकिस्तानी दंपती ने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि हमारे पास न कुछ खाने को है और न ही कोई पैसा है और आधिकारियों का कहना है कि बच्चों के पासपोर्ट बनवाए बिना वे पाकिस्तान नहीं जा सकते हैं. हमारे पास पैसे नहीं हैं. हम कैसे पासपोर्ट बनवाएं. हम प्रशासन से अपील करते हैं कि हमारे बाकी परिवार पाकिस्तान जा रहे हैं और हमें भी किसी तरह उनके साथ उनके वतन वापस भेजा जाए, जिससे हम अपने घर पहुंच सकें.
यह भी पढ़ें- यूएई की जेल में बंद बेटे से मिलने के लिए मां को 2025 तक करना होगा इंतजार
बच्चे का जन्म अटारी-वाघा बॉर्डर पर होने के कारण उसका कोई दस्तावेज नहीं है और इमिग्रेशन अधिकारी दस्तावेज पूरे न होने के कारण उन्हें पाकिस्तान नहीं जाने दे रहे हैं. दंपती को बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट और पासपोर्ट भी बनवाना होगा, इसके बाद ही परिवार पाकिस्तान जा पाएगा.