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भारत बायोटेक ने कहा- बच्चों के लिए कोवैक्सीन का जून में शुरु होगा ट्रायल

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Published : May 24, 2021, 9:49 AM IST

Updated : May 24, 2021, 1:59 PM IST

भारत बायोटेक अब बच्चों पर COVAXIN का पीडिएट्रिक ट्रायल्स जून से शुरू करने जा रही है. कंपनी को हाल ही में भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में COVAXIN के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दी थी.

बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल
बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल

हैदराबादः देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच अब भारत बायोटेक जून से बच्चों पर क्लीनिक ट्रायल शुरु करने जा रही है. कंपनी की ओर से इस साल की तीसरी तिमाही तक बच्चों के लिए वैक्सीन लाइसेंस मिलने की उम्मीद है. इसकी जानकारी भारत बायोटेक की बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी प्रमुख डॉ. राचेस एल्ला ने दी.

एफआईसीसीआई लेडिज ऑर्गनाईजेशन (FLO) की ओर ओर से आयोजित ऑल अबाउट वैक्सीन नामक परिचर्चा में डॉ एल्ला ने बताया कि उनकी कंपनी की ओर से पीडिएट्रिक ट्रायल्स संभावित रूप से जून से शुरु होगी.

उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक को कोवैक्सिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक मंजूरी मिल सकती है.

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत बायोटेक इस साल के अंत तक COVAXIN के उत्पादन में वृद्धि करते हुए लगभग 700 मिलियन खुराकें उपलब्ध करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का एडवांस ऑर्डर कर कंपनी को पूरा सहयोग और समर्थन अब तक दिया है.

पढ़ेंः उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में महसूस किए गए भूकंप के झटके

उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारी कड़ी मेहनत रंग ला रही है. उनकी बनाई टीका अच्छी तरह से काम कर रही है और कई जीवन बचा रही है.

सरकार से समर्थन मिलने की खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन बायोटेक और ICMR के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का एडवांस ऑर्डर दिया है. इसके बाद कंपनी ने बेंगलुरु और गुजरात में भी अपना विस्तार कर रही है.

डॉ एल्ला ने भरोसा दिलाया कि बच्चों के लिए टीकों को इस वर्ष की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है.

बता दें कि, भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 13 मई को 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में Covaxin के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दी थी. भारत का स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन COVAXIN भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से विकसित किया गया है.

भारत बायोटेक ने कहा था कि वह अपनी अनुषंगी के गुजरात के अंकलेश्वर स्थित संयंत्र में कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की और 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी. इसके साथ कंपनी का कुल वार्षिक उत्पादन एक अरब खुराक तक पहुंच जाएगा.

हैदराबाद की कंपनी ने कहा कि वह अपने पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी शिरोन बेहरिंग वैक्सीन्स के अंकलेश्वर स्थित उत्पादन संयंत्र का इस्तेमाल कोवैक्सीन की और 20 करोड़ खुराक का निर्माण करने के लिए करेगी.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, "कंपनी की जीएमपी संयंत्रों में कोवैक्सीन की 20 करोड़ खुराक प्रति वर्ष उत्पादन की योजना है। इन संयंत्रों में जीएमपी (अच्छे निर्माण तरीके) और जैवसुरक्षा के कड़े मानकों के तहत पहले से ही इनएक्टिवेटेड वेरो सेल प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी पर आधारित टीकों के उत्पादन का काम जारी है.

कंपनी ने कहा कि वह पहले ही अपने हैदराबाद और बेंगलुरु परिसरों में टीके के लिए कई उत्पादन लाइनें तैनात कर चुकी है.

भारत बायोटेक की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली अनुषंगी शिरोन बेहरिंग वैक्सीन्स दुनिया में रेबीज के टीके के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है.

हैदराबादः देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच अब भारत बायोटेक जून से बच्चों पर क्लीनिक ट्रायल शुरु करने जा रही है. कंपनी की ओर से इस साल की तीसरी तिमाही तक बच्चों के लिए वैक्सीन लाइसेंस मिलने की उम्मीद है. इसकी जानकारी भारत बायोटेक की बिजनेस डेवलपमेंट एंड इंटरनेशनल एडवोकेसी प्रमुख डॉ. राचेस एल्ला ने दी.

एफआईसीसीआई लेडिज ऑर्गनाईजेशन (FLO) की ओर ओर से आयोजित ऑल अबाउट वैक्सीन नामक परिचर्चा में डॉ एल्ला ने बताया कि उनकी कंपनी की ओर से पीडिएट्रिक ट्रायल्स संभावित रूप से जून से शुरु होगी.

उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक को कोवैक्सिन के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से तीसरी या चौथी तिमाही के अंत तक मंजूरी मिल सकती है.

उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत बायोटेक इस साल के अंत तक COVAXIN के उत्पादन में वृद्धि करते हुए लगभग 700 मिलियन खुराकें उपलब्ध करेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का एडवांस ऑर्डर कर कंपनी को पूरा सहयोग और समर्थन अब तक दिया है.

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उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारी कड़ी मेहनत रंग ला रही है. उनकी बनाई टीका अच्छी तरह से काम कर रही है और कई जीवन बचा रही है.

सरकार से समर्थन मिलने की खुशी व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन बायोटेक और ICMR के सहयोग से तैयार किया जा रहा है. सरकार ने 1,500 करोड़ रुपये का एडवांस ऑर्डर दिया है. इसके बाद कंपनी ने बेंगलुरु और गुजरात में भी अपना विस्तार कर रही है.

डॉ एल्ला ने भरोसा दिलाया कि बच्चों के लिए टीकों को इस वर्ष की तीसरी तिमाही में लाइसेंस मिल सकता है.

बता दें कि, भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 13 मई को 2 से 18 वर्ष के आयु वर्ग में Covaxin के दूसरे और तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दी थी. भारत का स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन COVAXIN भारत बायोटेक द्वारा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से विकसित किया गया है.

भारत बायोटेक ने कहा था कि वह अपनी अनुषंगी के गुजरात के अंकलेश्वर स्थित संयंत्र में कोविड-19 के टीके कोवैक्सीन की और 20 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी. इसके साथ कंपनी का कुल वार्षिक उत्पादन एक अरब खुराक तक पहुंच जाएगा.

हैदराबाद की कंपनी ने कहा कि वह अपने पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी शिरोन बेहरिंग वैक्सीन्स के अंकलेश्वर स्थित उत्पादन संयंत्र का इस्तेमाल कोवैक्सीन की और 20 करोड़ खुराक का निर्माण करने के लिए करेगी.

भारत बायोटेक ने एक बयान में कहा, "कंपनी की जीएमपी संयंत्रों में कोवैक्सीन की 20 करोड़ खुराक प्रति वर्ष उत्पादन की योजना है। इन संयंत्रों में जीएमपी (अच्छे निर्माण तरीके) और जैवसुरक्षा के कड़े मानकों के तहत पहले से ही इनएक्टिवेटेड वेरो सेल प्लेटफॉर्म टेक्नोलॉजी पर आधारित टीकों के उत्पादन का काम जारी है.

कंपनी ने कहा कि वह पहले ही अपने हैदराबाद और बेंगलुरु परिसरों में टीके के लिए कई उत्पादन लाइनें तैनात कर चुकी है.

भारत बायोटेक की 100 प्रतिशत स्वामित्व वाली अनुषंगी शिरोन बेहरिंग वैक्सीन्स दुनिया में रेबीज के टीके के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है.

Last Updated : May 24, 2021, 1:59 PM IST
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