ऋषिकेश: देश का पेट भरने वाले किसानों के सामने आजीविका का संकट मंडराने लगा है. ऋषिकेश के श्यामपुर, गोहरी माफी और छिद्रवाला सहित तमाम क्षेत्रों में धान की फसल एक विशेष रोग लगने से 50 से 70 प्रतिशत फसल बर्बाद (Farmers paddy crop wasted) हो गई है. किसानों का कहना है कि उनकी आजीविका कृषि पर निर्भर है और फसल बर्बाद होने पर उनके सामने संकट गहराने लगा है.
बुधवार को छिद्रवाला में कृषक सतनाम ने अपनी धान की खराब हुई फसल पर (destroyed the crop by driving tractor) ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट किया. कृषक सतनाम ने कुल 125 बीघा खेत में धान की फसल लगाई थी. इसमें से लगभग 50 से 70 प्रतिशत धान की फसल बोना रोग लगने के कारण खराब हो गई है. फसल बर्बाद होने से सतनाम सहित क्षेत्र के तमाम किसानों के सामने आजीविका संकट मंडराने लगा है.
पीड़ित किसान सतनाम ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से फसल रोग और उसके निस्तारण के लिए सहायता नहीं मिली है. यही कारण है कि फसलों को बर्बाद होने से नहीं बचाया जा सका है. पीड़ित किसानों ने सरकार से उचित मुआवजे की भी मांग की है. श्यामपुर न्याय पंचायत क्षेत्र में रोग के कारण करीबन एक हजार बीघा से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है.
कृषि अधिकारी इंदु गोदियाल का कहना है कि शिकायत मिलने पर कृषि विभाग की टीम ने मौका मुआयना किया है. किसानों को धान की फसल में लगने वाली बीमारी के बारे में जानकारी दी गई है. कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि खराब फसलों में कीटनाशकों के छिड़काव के लिए भी कृषकों की सहमति ली गई, लेकिन कुछ कृषकों द्वारा छिड़काव की सहमति नहीं दी गई. शिकायत मिलने पर प्रत्येक क्षेत्र का मुआयना किया जा रहा है.