मुंबई/रायपुर/जयपुर : कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त पी चिदंबरम (Former Finance P Chidambaram) ने मुंबई में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (National Monetization Pipeline) पर अपनी बात रखते हुए कहा कि सवाल किया कि क्या राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन का एकमात्र उद्देश्य चार साल की अवधि में राजस्व बढ़ाना है?
पूर्व वित्त मंत्री कहा कि 1.5 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे, लेकिन उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वर्तमान राजस्व क्या है. उन्हाेंने वित्त मंत्री सीतारमण (Finance Minister Sitharaman) का नाम न लेते हुए कहा कि वह इसका निजीकरण करेंगी और केवल 1.5 लाख करोड़ रुपये प्राप्त करेगी.
मान लें कि वर्तमान राजस्व 1.3 लाख करोड़ रुपये है और केवल 20,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिल रहे हैं ताे केवल 20 हजार करोड़ रुपये के लिए आप वह सब बेच देंगे जो 70 वर्षों में बनाया गया है? यह निंदनीय है. यह दिनदहाड़े लूट है.
वहीं इस पर केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि पूर्व वित्त मंत्री ने मुद्रीकरण से हर साल प्राप्त होने वाले जिन 1 .5 लाख करोड़ रुपये को किराया कहा है उसकी बदौलत देश में नई अवसंरचना के निर्माण में नए सिरे से कहीं ज्यादा सरकारी निवेश करने का मार्ग प्रशस्त होगा.
वहीं, रायपुर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. नेशनल मोनेटाजेशन पाइपलाइन (NMP) को लेकर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार Monetization के जरिए देश को लूट रही है.
रायपुर के राजीव भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन (Former Union Minister Ajay Maken) के साथ सीएम भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) भी मौजूद रहे. अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि Demonetization और Monetization पीएम मोदी के जुड़वां बच्चे हैं. Demonetization से देश के गरीबों, छोटे कारोबारियों को लूटा गया. अब Monetization के जरिए देश की विरासत को लूटा जा रहा है. पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए पीएम मोदी ने ये काम किया है.
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अजय माकन ने कहा कि UPA सरकार ने देश के सामरिक महत्व की चीजों को कभी मेगा सेल में नहीं लगाया. सबसे अधिक कमाई रेलवे को होती है, उसे बेचने की तैयारी की जा रही है. 12 मंत्रालयों के 20 परिसंपत्तियों का वर्गीकरण करते हुए उन्हें निजी क्षेत्र को सौंपने के लिए चिन्हित किया है.
माकन ने कहा कि राज्य सरकारों की जमीनें केंद्र कौड़ियों के भाव में बेच रही है. क्या इसकी राशि राज्य सरकारों को मिलेगी. कांग्रेस इसे लेकर देशभर में आंदोलन करेगी. 70 साल की संपत्ति केंद्र कौड़ियों के भाव बेच रही है.
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य राजीव शुक्ला आज केंद्र सरकार के मोनेटाइजेशन नीति (Monetization Policy) के विरोध में अपनी बात रखने जयपुर पहुंचे. उन्होंने मोदी सरकार की नीतियों का पुरजोर विरोध किया. उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार कह रही है वह देश की संपत्तियों को बेचकर छह लाख करोड़ कमाएगी, जबकि इनको अधिकार ही नहीं कि वो इस तरह देश की धरोहर को बेच सकें.
राजीव शुक्ला ने कहा कि मोनेटाइजेशन के लिए केंद्र सरकार ने लीज पर देने के नाम पर बीच गली निकाली जबकि सबको पता है कि लीज की अवधि 30 साल से लेकर 100 साल तक की होती है, ऐसे में जनता के पास क्या बचेगा. राजीव शुक्ला ने कहा कि अगर केंद्र की भाजपा सरकार को नहीं रोका गया तो ये तो हवामहल, आमेर और चित्तौड़गढ़ का किला भी बेच देंगे. शुक्ला ने कहा कि लाल किला बेचने की प्लानिंग तो केंद्र सरकार ने पहले ही कर ली थी. हालांकि, विरोध के चलते हुए अपना कदम वापस लेना पड़ा.
राजीव शुक्ला ने कहा कि सरकार कोई भी हो लेकिन राष्ट्र की संपत्ति और धरोहर को बेचने का काम नहीं कर सकती. शुक्ला ने सवाल किया कि क्या देश की जनता ने भाजपा को वोट देश की धरोहर को बेचने के लिए दिया था. शुक्ला ने कहा कि अगर केंद्र की सरकार रेल रनिंग बेच रही है, उसे चला नहीं सकती. सरकारी कंपनियों को बेच रही है उसे भी चला नहीं सकती तो फिर ये सरकार क्यों चला रहे हैं इसे भी छोड़ देना चाहिए.
आपकाे बता दें कि 23 अगस्त को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ की राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना लॉन्च की, जिसके बाद विपक्ष सरकार पर रेलवे से लेकर टेलीकॉम समेत देश की संपत्ति को बेचने का आरोप लगा रहा है. कुछ लोग इसे रेलवे जैसी संपत्तियों में निजीकरण कह रहे हैं.