सुपौल: कोरोना की दूसरी लहर से राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खुल गई है. जिले में सरकारी कुव्यवस्था से लगातार कोरोना मरीजों की मौत हो रही है. जिले के त्रिवेणीगंज स्थित बुनियादी केंद्र में बने कोविड सेंटर से शनिवार को शर्मनाक तस्वीर सामने आयी. जहां एक कोरोना मरीज को जीते जी ऑक्सीजन नसीब नहीं हुई लेकिन मरने के बाद ऑक्सीजन लगा दिया गया.
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मानवीय संवेदना हुई तार-तार
सामने आई इस तस्वीर ने मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख दिया है. मृतक के परिजन ने बताया कि मरीज की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे अनुमंडलीय अस्पताल लाए. जहां से मरीज को बुनयादी केंद्र में बने कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया. जिस समय मरीज को इस कोविड केयर सेंटर में भर्ती किया गया था, उस समय मरीज का ऑक्सीजन लेवल 65 था. लेकिन जब मरीज को कोविड सेंटर लाया गया तो वहां एक भी डॉक्टर नहीं थे, सिर्फ नर्स मौजूद थी. कुछ देर बाद जब डॉक्टर पहुंचे तो उसकी नाज़ुक स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत रेफर कर दिया और रेफर करने के बाद बुनियादी केंद्र के सीढ़ी पर इसे तड़पते छोड़ दिया.
आखिरकार मरीज ने तोड़ा दम
परिजनो ने बताया कि इस दौरान परिजन एम्बुलेंस की मांग भी करते रहे और मरीज को खुद ऑक्सीजन लगाने की बात भी कहते रहे. लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और देखते ही देखते मरीज की ऑक्सीजन और एम्बुलेंस के अभाव में मौत हो गई. करीब 4 घंटों से परिजन एम्बुलेंस और ऑक्सीजन के लिए अस्पताल और अधिकारियों से मांग करते रहे, लेकिन इनकी परेशानी को न तो कोई सुनने वाला था और न ही समझने वाला.
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जांच का आदेश
प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि जब इस मरीज को यहां लाया गया था, उस समय इसका ऑक्सीजन लेवल 35 था. मौजूद स्वास्थकर्मी से अविलंब ऑक्सीजन लगाने की मांग की गई. लेकिन लापरवाह स्वास्थ्य व्यवस्था के आगे इस मरीज ने दम तोड़ दिया. हालांकि सूचना के बाद थानाध्यक्ष संदीप कुमार सिंह और अपर अनुमंडल पदाधिकारी प्रमोद कुमार दल बल के साथ कोविड सेंटर पहुंचे और मामले को शांत करने में जुट गए. इस बारे में अपर एसडीएम ने बताया कि जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.