नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि '2024 के लोकसभा चुनाव में अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ किसी खास चेहरे को खड़ा किया जाता है तो भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है.'
एएनआई से खास बातचीत के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए विपक्ष को प्रत्येक लोकसभा क्षेत्र में एकजुट होने की जरूरत है. ओवैसी ने कहा, 'विपक्ष को सभी 540 संसदीय क्षेत्रों में भाजपा को कड़ी टक्कर देनी चाहिए. अगर विपक्ष का एक चेहरा बीजेपी के खिलाफ लड़ता है, तो दूसरे को फायदा होगा. अगर यह मोदी बनाम अरविंद केजरीवाल या राहुल गांधी होगा, तो पीएम को फायदा मिलेगा.'
2019 में विपक्ष ने मोदी सरकार को हटाने के लिए एक महागठबंधन बनाया था. हालांकि, गठबंधन अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुआ और अंततः टूट गया. अब 2024 के लोकसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, AAP ने हाल ही में दावा किया कि 2024 की लड़ाई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच होगी.
आप ने दावा किया कि बीजेपी और पीएम, केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता, राष्ट्रीय राजधानी में शासन के उनके मॉडल और देश में आप के बढ़ते चुनावी प्रभाव से हिल गए हैं. केजरीवाल के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी अपनी पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) में फिर से तैयार किया और लोकसभा चुनावों में भगवा पार्टी को पछाड़ने के लिए एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त की है.
यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीएम मोदी के खिलाफ खड़ा किया जाना चाहिए, एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, 'ममता बनर्जी ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक की इसलिए कोई निश्चित नहीं है कि क्या उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ विपक्ष का चेहरा होना चाहिए.'
पश्चिम बंगाल के सीएम ने पहले सभी विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक साथ आने और 2024 में भाजपा के खिलाफ एकजुट लड़ाई लड़ने का आह्वान किया था. एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि 'सीएम बनर्जी संसद में बीजेपी के खिलाफ प्रस्ताव पास करती हैं, लेकिन फिर पीएम मोदी की तारीफ करती हैं.'
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